जिला पुलिस ने गुरुवार को एमबीबीएस परीक्षा घोटाले के सिलसिले में पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के एक और कर्मचारी को गिरफ्तार किया। विश्वविद्यालय में सहायक अनिल कुमार पर घोटाले में शामिल एक रैकेटियर को खाली उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराने का आरोप है। इस कार्रवाई के साथ ही मामले में गिरफ्तारियों की कुल संख्या अब छह हो गई है।
रैकेट चलाने वालों को खाली उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराई गईं अनिल कुमार पर 2024 में उप केंद्र अधीक्षक के पद पर काम करते हुए रैकेटियर को खाली उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराने का आरोप है तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति ने खुलासा किया था कि विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड से 46 खाली उत्तर पुस्तिकाएं गायब पाई गईं।
सूत्रों के अनुसार, अनिल का नाम इस मामले में तथ्य-खोजी जांच के दौरान सामने आने के बाद फरवरी में विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे निलंबित कर दिया था। आज उसने स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जहां से पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए जांच का नेतृत्व कर रहे डीएसपी दलीप सिंह ने कहा कि अनिल जनवरी और फरवरी 2024 में आयोजित एमबीबीएस परीक्षाओं के दौरान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक में स्थित एक परीक्षा केंद्र में उप अधीक्षक के रूप में तैनात था। डीएसपी ने कहा, “उसने परीक्षा के दौरान मुख्य आरोपियों में से एक को खाली उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराई थीं।”
कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल के निदेशक डॉ. एमके गर्ग की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति ने खुलासा किया कि विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड से 46 खाली उत्तर पुस्तिकाएं गायब पाई गईं। इनमें से कुछ उत्तर पुस्तिकाएं अप्रैल और मई 2024 में आयोजित बाद की परीक्षाओं में इस्तेमाल की गईं।
सूत्रों ने यह भी बताया कि ये उत्तर पुस्तिकाएं वास्तविक छात्रों के अलावा अन्य लोगों द्वारा विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी के घर पर भरी गई थीं। बाद में विश्वविद्यालय की गोपनीयता शाखा में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मदद से जाली उत्तर पुस्तिकाओं को मूल उत्तर पुस्तिकाओं से बदल दिया गया।
फरवरी में पुलिस ने इस घोटाले के सिलसिले में एक निजी मेडिकल कॉलेज के 24 एमबीबीएस छात्रों और 17 विश्वविद्यालय कर्मचारियों सहित 41 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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