भोपाल, 27 दिसंबर । मध्य प्रदेश में भाजपा के संगठन चुनाव की प्रक्रिया जारी है। बूथ समिति अध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों के चुनाव के बाद जिलाध्यक्षों के निर्वाचन पर सबकी नजर है। फिलहाल इसके लिए आम सहमति बनाए जाने की कवायद जारी है। संभावना जताई जा रही है कि अगले तीन से चार दिनों में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां हो जाएंगी।
राज्य में भाजपा के 60 जिलाध्यक्ष बनाए जाना है, इसके लिए प्रभारी अपनी जिम्मेदारी और संगठन द्वारा तय की गई भूमिका के मुताबिक जिला अध्यक्षों के चयन में सक्रिय है। सभी की सहमति बने और सर्वमान्य व्यक्ति को जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी जाए, इसके लिए सांसदों से तीन-तीन नाम मांगे गए है। इतना ही नहीं पार्टी के पूर्व विधायक से लेकर पूर्व सांसद, पंचायत प्रतिनिधि और नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों से जिलाध्यक्ष के मसले पर विचार विमर्श करने को कहा गया है।
सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन के लिए पार्टी की ओर से नियुक्त किए गए प्रभारी अपने अपने जिले में पहुंच चुके हैं और वह संबंधित प्रतिनिधियों से संवाद भी कर रहे हैं। कुल मिलाकर रायशुमारी के बाद पार्टी किसी अंतिम निर्णय पर पहुूंचेगी। लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को अपनी पसंद के जिलाध्यक्ष के लिए तीन-तीन नाम देना है और यह नाम 28 दिसंबर तक दिए जा सकेंगे। आपसी सहमति यानी कि रायशुमारी से अगर किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकेगा तो जिलाध्यक्ष का फैसला भोपाल में होगा।
ज्ञात हो कि भाजपा 33 प्रतिशत महिलाओं को संगठन में स्थान देने की तैयारी में है। बूथ समितियों में इसका पालन किया गया है। अब पार्टी की कोशिश है कि जिला अध्यक्षों के चयन में भी 33 प्रतिशत महिलाओं की हिस्सेदारी रहे। इसके लिए कई नामों की चर्चा भी है।राज्य में आधी आबादी का नेतृत्व उभारने की दिशा में यह प्रयास हैं। राज्य में महिलाओं की सत्ता और संगठन में हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिशें जारी है। यही कारण है कि राज्य से राज्यसभा में भी तीन महिला सांसद हैं।