चंडीगढ़, 9 अगस्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी दे दी है। योजना के तहत, कृषि उत्पादकता को बढ़ाने, टिकाऊ खेती को समर्थन देने और बुनियादी ढांचे और मूल्य संवर्धन में रणनीतिक निवेश के माध्यम से किसानों की आजीविका बढ़ाने के लिए 1,198.27 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
आरकेवीवाई कैफेटेरिया योजना की कुल कार्ययोजना 995.50 करोड़ रुपये की है, जबकि कृषोन्ति योजना कार्ययोजना 203.27 करोड़ रुपये की है।
समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने जल संरक्षण और सूक्ष्म सिंचाई पहल को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (सीसीएसएचएयू), हिसार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और सिंचाई विभाग की सूक्ष्म सिंचाई को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से ठोस कदम उठाने में भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रसाद ने किसानों के लिए व्यावहारिक प्रदर्शन प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय में 1,000 एकड़ पर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने का भी सुझाव दिया। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने 1 लाख एकड़ क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा है।
प्रसाद ने कृषि अनुसंधान को प्रयोगशालाओं से खेतों तक ले जाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि किसानों को तुरंत लाभ मिल सके। उन्होंने कपास उगाने वाले क्षेत्रों में गुलाबी बॉलवर्म के संक्रमण के मुद्दे को संबोधित किया, और कहा कि इसका कारण कृषि अपशिष्ट है। उन्होंने सीसीएसएचएयू से गांवों को गोद लेने और किसानों को इस कीट से निपटने के लिए प्रशिक्षित करने का आग्रह किया। इस बीमारी को खत्म करने के लिए निवारक उपायों की निरंतर निगरानी आवश्यक है।
बैठक में बताया गया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने मृदा परीक्षण के लिए एक ऐप विकसित किया है, जिससे किसान सीधे अपने मोबाइल फोन पर मृदा परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त कर सकेंगे।
आरकेवीवाई कैफेटेरिया योजना के तहत समिति ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के लिए 3,662.30 लाख रुपये की सात परियोजनाओं को मंजूरी दी है। सीसीएसएचएयू 1,286.86 लाख रुपये के कुल आवंटन के साथ 15 परियोजनाएं शुरू करेगा। महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल को 240 लाख रुपये की एक परियोजना के लिए मंजूरी मिली है। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल 673.50 लाख रुपये की कुल दो परियोजनाएं शुरू करेगा।