September 25, 2024
Haryana

फरीदाबाद में 2,600 करोड़ रुपये की बिजली वितरण परियोजना प्रस्तावित

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) फरीदाबाद सर्कल में बिजली की आपूर्ति और वितरण में सुधार के लिए 2,600 करोड़ रुपये की लागत वाली एक प्रमुख बुनियादी ढांचा नवीनीकरण योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।

दो वर्षों में क्रियान्वित किया जाएगा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू हो चुका है और दो साल के भीतर परियोजना पूरी तरह लागू हो जाएगी। इसके परिणामस्वरूप विभाग बिजली की स्थिति में काफी हद तक सुधार करने में सक्षम हो सकता है।

यह कदम डीएचबीवीएन द्वारा भीषण गर्मी के दौरान झेली गई कठिनाइयों के मद्देनजर उठाया गया है। इस परियोजना में नए सबस्टेशन, स्विचिंग स्टेशन, ट्रांसफॉर्मर स्थापित करना, पुराने और बेकार आपूर्ति नेटवर्क को बदलना और कई क्षेत्रों में भूमिगत केबलिंग लाइनें बिछाना शामिल है।

सूत्रों ने बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि परियोजना दो साल के भीतर पूरी तरह लागू हो जाएगी। इसके परिणामस्वरूप विभाग घरेलू और गैर-घरेलू दोनों क्षेत्रों में बिजली की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार करने में सक्षम हो सकता है।

यह कदम डीएचबीवीएन द्वारा भीषण गर्मी के दौरान झेली गई कठिनाइयों के मद्देनजर उठाया गया है। इस परियोजना में नए सबस्टेशन, स्विचिंग स्टेशन, ट्रांसफॉर्मर स्थापित करना, पुराने और बेकार आपूर्ति नेटवर्क को बदलना और कई क्षेत्रों में भूमिगत केबलिंग लाइनें बिछाना शामिल है।

चूंकि बिजली की औसत मांग प्रतिदिन 2 करोड़ यूनिट से अधिक हो गई है, इसलिए अगली गर्मियों में मांग प्रतिदिन 3 करोड़ यूनिट तक पहुंचने या उससे अधिक हो जाने की उम्मीद है।

इस साल जुलाई में 2.72 करोड़ यूनिट की मांग अब तक की सबसे अधिक रही। वर्तमान में सर्कल में करीब 6.75 लाख उपभोक्ता हैं। एक अधिकारी ने बताया कि बार-बार बिजली गुल होने और लाइन टूटने की वजह से विभाग को बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही थीं, खास तौर पर घनी आबादी वाले इलाकों के निवासियों से।

अखिल भारतीय विद्युत कर्मचारी महासंघ के प्रवक्ता सुभाष लांबा ने कहा कि सिस्टम में ओवरलोडिंग के कारण ब्रेकडाउन की समस्या होती है और फ्यूज की मरम्मत में लगने वाला समय अनावश्यक तकनीक के कारण चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि खराब रखरखाव, कर्मचारियों की कमी और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे ने मामले को जटिल बना दिया है।

भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संघ के प्रमुख राजीव चावला ने कहा कि सरकार को एक मजबूत आपूर्ति नेटवर्क सुनिश्चित करने की जरूरत है, जो मौसम की स्थिति से अप्रभावित रहे।

डीएचबीवीएन के अधीक्षण अभियंता जितेन्द्र ढुल ने कहा कि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आपूर्ति बढ़ाने का काम चल रहा है।

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