कांगड़ा जिले में गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए, जो क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, सरकार ने उन भूमि मालिकों के बीच 298 करोड़ रुपये वितरित किए हैं, जिनकी भूमि हवाई अड्डे के विस्तार के लिए गग्गल क्षेत्र में अधिग्रहित की जानी है। सूत्रों ने यहां बताया कि सरकार उन लोगों के बीच मुआवजा वितरित कर रही है जो हवाई अड्डे के विस्तार के लिए अपनी जमीन सौंपने के लिए सहमति दे रहे हैं।
एसडीएम कांगड़ा इशांत जामवाल ने बताया कि अब तक 298 करोड़ रुपए उन भूमि मालिकों को मुआवज़ा के तौर पर वितरित किए जा चुके हैं जिनकी ज़मीन अधिग्रहित की जा रही थी। सरकार ने शुरू में भूमि मालिकों के बीच वितरण के लिए 500 करोड़ रुपए जारी किए थे। उन्होंने कहा, “हमें पहले ही 300 करोड़ रुपए मिल चुके हैं, जिसमें से 298 करोड़ रुपए भूमि मालिकों के बीच वितरित किए जा चुके हैं।”
एसडीएम ने बताया कि गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार के लिए अधिसूचित पूरी भूमि के अधिग्रहण के लिए कुल 2300 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे के विस्तार परियोजना के कारण विस्थापित होने वाले लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए सरकार ने 700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार शुरू में मांझी खड्ड के पार स्थित सात राजस्व मोहल्लों में लोगों को 500 करोड़ रुपये वितरित कर रही है।
एयरपोर्ट विस्तार के लिए 14 गांवों के करीब 1200 परिवारों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। अधिग्रहण के लिए सरकार ने 14 गांवों की करीब 147 हेक्टेयर (करीब 3847 कनाल) सरकारी और निजी जमीन चिह्नित की है। इसमें 123 हेक्टेयर निजी और 24 हेक्टेयर सरकारी जमीन शामिल है।
कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के बाग, बल्ला, बरस्वालकड, भेड़ी, ढुगियारी खास, गग्गल खास, झिकली इच्छी, मुगरेहड़, साहूरा और सनौरा गांव हवाई अड्डे के विस्तार के दायरे में आएंगे। इसके अलावा शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के रछियालू, जुगेहड़, भड़ोत और कियोडी गांव भी इसके दायरे में आएंगे।
कांगड़ा जिले में स्थित गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार को वर्तमान कांग्रेस सरकार ने गति दी थी। नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार की परियोजना को लेकर सक्रिय रहे हैं। हिमाचल सरकार द्वारा पारित बजट में गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
गग्गल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जिन स्थानीय लोगों की ज़मीन अधिग्रहित की जानी है, वे इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, गग्गल एयरपोर्ट विस्तार परियोजना के सामाजिक प्रभाव का आकलन करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि परियोजना के लाभ उन लोगों पर पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव से कहीं ज़्यादा हैं जो विस्थापित हो जाएँगे। समिति ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह गग्गल एयरपोर्ट के 5 किलोमीटर के दायरे में विकसित की जा सकने वाली सैटेलाइट टाउनशिप के बारे में उन लोगों के सुझावों पर विचार करे जो विस्थापित हो जाएँगे।
पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार के लिए केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा 400 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। गग्गल हवाई अड्डे का विस्तार क्षेत्र के पर्यटन उद्योग की एक प्रमुख मांग थी।