राज्य के ज़्यादातर बाढ़ प्रभावित गाँवों में बिजली आपूर्ति बाधित है, लेकिन शुरुआती अनुमानों के अनुसार, पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (PSPCL) के 12 ज़िलों में बुनियादी ढाँचे को 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बाढ़ का पानी उतरने और व्यापक आकलन के बाद यह आँकड़ा बढ़ने की संभावना है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति पानी कम होने के बाद ही बहाल की जाएगी, ताकि बिजली के झटके के कारण मानव और पशु जीवन को कोई खतरा न हो।
सबसे ज़्यादा नुकसान (करीब 25 करोड़ रुपये) सीमावर्ती क्षेत्र में हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “क्षतिग्रस्त उपकरणों में 6,500 से ज़्यादा बिजली के खंभे, 2,300 ट्रांसफार्मर, 7,500 किलोमीटर ट्रांसमिशन कंडक्टर और 22 सब-कंडक्टर शामिल हैं। कार्यालय के बुनियादी ढाँचे, इमारतें, फ़र्नीचर और अन्य सामान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।”
अकेले सेंट्रल जोन में 8 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति की सूचना मिली है, क्योंकि लगभग 140 ट्रांसफार्मर निष्क्रिय हो गए, 225 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए और लगभग 13 किलोमीटर ओवरहेड बिजली के तार प्रभावित हुए।
2023 में आई बाढ़ के दौरान, पीएसपीसीएल के बुनियादी ढांचे को 16 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। पीएसपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “पानी कम होने और बिजली के झटके से बचने के लिए सभी सावधानियां बरतने के बाद हम नियमित बिजली आपूर्ति बहाल कर पाएँगे।”
इससे पहले, राज्य सरकार ने बाढ़ से 13,289 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया था। वह केंद्र से संपत्ति और खेती को हुए नुकसान की भरपाई के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग कर रही है। राज्य सड़कों, पुलों आदि सहित क्षतिग्रस्त बुनियादी ढाँचे की मरम्मत के लिए भी धन चाहता है।