भाजपा सांसद भीम सिंह चंद्रवंशी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा वाले बयान का समर्थन किया। उन्होंने संघ को एक राष्ट्रवादी और सांस्कृतिक संगठन बताया है, जो 100 वर्षों से देशहित में कार्य कर रहा है।
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों का पलटवार किया, जिसमें विपक्ष ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने लालकिले के प्राचीर से संघ की तारीफ कर अच्छा नहीं किया।
भाजपा सांसद ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए तर्क दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1963 में आरएसएस को राष्ट्रीय परेड में शामिल किया था। भाजपा सांसद ने पूछा कि क्या नेहरू देशप्रेमी नहीं थे। उन्होंने संघ को त्याग और सेवा के लिए समर्पित संस्था बताया, जो बाढ़ और आपदा जैसी परिस्थितियों में सक्रिय रहती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे मुद्दों को उठाकर समाज को बांटने की कोशिश करती है, जबकि संघ एक सम्मानित संगठन है, और पीएम मोदी की प्रशंसा स्वागत योग्य है।
भाजपा सांसद ने पीएम मोदी के लाल किले से दिए गए संबोधन की प्रशंसा की। उन्होंने इसे व्यापक और सुखद बताते हुए कहा कि पीएम ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की, जिसमें आर्थिक नीतियां और ‘विकसित भारत 2047’ का रोडमैप शामिल था।
सांसद ने विशेष रूप से जीएसटी सुधारों पर जोर दिया, जिसमें पीएम मोदी ने दीवाली तक नई पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सुधार जीएसटी संरचना को सरल, स्थिर और पारदर्शी बनाने पर केंद्रित हैं, जिससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों को लाभ होगा। उन्होंने इसे जनता के लिए लाभकारी और उपयोगी बताया, साथ ही पीएम के सबसे लंबे स्वतंत्रता दिवस भाषण (103 मिनट) का उल्लेख करते हुए इसे रिकॉर्ड तोड़ने वाला करार दिया।
एसआईआर को लेकर राहुल गांधी की यात्रा पर भाजपा सांसद ने कहा कि यह जनता का मुद्दा नहीं है और बिहार की जनता इस प्रक्रिया से संतुष्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर को लेकर अंतरिम निर्णय दिया है।
चंद्रवंशी ने राहुल गांधी की यात्रा को राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि विपक्ष शुरू से ही एसआईआर में राजनीति ढूंढ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भ्रम फैलाकर वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और यह यात्रा उनका राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास है।
उन्होंने दावा किया कि यह स्पष्ट है कि विपक्ष का उद्देश्य केवल अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना है, न कि जनता के हित में कोई ठोस कार्य करना।
–