राज्यसभा में गुरुवार को एक बार फिर से हंगामा हुआ। विपक्ष के सांसदों ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही बिहार में मतदाता सूची के गहन रिव्यू, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, महिलाओं के प्रति अपराध व धनखड़ के इस्तीफे का मुद्दा उठाया।
विपक्षी सांसदों ने इन मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की। चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर इन सांसदों ने सदन में जमकर नारेबाजी की। सदन में लगातार हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी, लेकिन 12 बजे भी यही हालात बने रहे जिसके कारण सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद उपसभापति ने बताया कि विपक्ष के 28 सांसदों ने उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं। गौरतलब है कि नियम 267 के अंतर्गत सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके दिए गए विषयों पर चर्चा कराई जाती है। इस चर्चा के अंत में वोटिंग का भी प्रावधान होता है।
गुरुवार को सुलता देव, शुभाशीष खुटिया, शशमित पात्रा व बीजेडी के कुछ अन्य सांसदों ने गंभीर अपराधों, उड़ीसा में महिलाओं व गर्ल चाइल्ड के साथ होने वाले अपराधों पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की थी। वहीं रेणुका चौधरी, नीरज डांगी, राजीव शुक्ला व साकेत गोखले समेत कई अन्य सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन रिव्यू के मामले पर चर्चा चाहते थे। तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों का कहना था कि देश के विभिन्न हिस्सों में पश्चिम बंगाल के कामगारों के साथ भेदभाव हो रहा है और वे इस पर चर्चा की मांग कर रहे थे। वहीं संतोष कुमार पी और वी शिवादासन समेत कुछ विपक्षी सांसदों ने अमेरिका द्वारा 25 प्रतिशत टैरिफ और पैनल्टी लगाए जाने व इसके प्रभावों को लेकर चर्चा की मांग की।
इसके अलावा कुछ विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति रहे जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर भी चर्चा कराए जाने की मांग की। राज्यसभा के उपसभापति ने इन सभी चर्चा की मांगों को अस्वीकार कर दिया। उपसभापति द्वारा चर्चा की अनुमति न मिलने के उपरांत विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और वे अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक और फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
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