नई दिल्ली, 24 सितंबर । विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह नई दिल्ली और ढाका की अंतरिम सरकार के बीच पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। बता दें पिछले महीने शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में सरकार बनी है।
बैठक में दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ‘मजबूत’ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया और आपसी हितों पर चर्चा की गई।
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “आज शाम न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के साथ बैठक हुई। बातचीत हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित रही।”
दोनों मंत्रियों की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के समक्ष ‘राजनयिक विरोध’ दर्ज कराया है। यह विरोध केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की झारखंड दौरे के दौरान ‘बांग्लादेशी नागरिकों के संबंध में’ की गई हालिया टिप्पणियों को लेकर था।
भारत, बांग्लादेश में पिछले महीने घटी राजनीतिक घटनाओं और हिंदू समुदाय को लगातार निशाना बनाए जाने की घटनाओं के बावजूद संबंधों को सामान्य बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है। लेकिन ढाका की अंतरिम सरकार पर पिछले कुछ हफ्तों में ‘निराधार बयानबाजी’ करने का आरोप लगा है।
पिछले महीने विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों को ‘निराधार’ बताकर खारिज कर दिया था कि भारत ‘जानबूझकर’ पड़ोसी देश में अधिक पानी प्रवाहित कर रहा है।
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ से अलग प्रधानमंत्री मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच होने वाली बैठक के बारे में भी मीडिया में अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, नेताओं के आगमन और प्रस्थान के अलग-अलग समय के कारण यह बैठक नहीं हो पाई।
एक संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “प्रधानमंत्री अब से कुछ ही मिनटों में रवाना हो रहे हैं। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार अभी यहां नहीं आए हैं, इसलिए इस अवसर पर बैठक की कोई संभावना नहीं है।”