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सबरीमला सोना चोरी मामला: पूर्व देवस्वोम मंत्री कड़कमपल्ली सुरेंद्रन से एसआईटी की पूछताछ, जांच तेज

Sabarimala gold theft case: Former Devaswom minister Kadakampally Surendran questioned by SIT, investigation intensified

सबरीमला सोना चोरी मामले में राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। इस मामले में वरिष्ठ माकपा विधायक और पूर्व देवस्वोम मंत्री कड़कमपल्ली सुरेंद्रन से विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पूछताछ की है। हालांकि, यह पूछताछ शनिवार को हुई थी, लेकिन इसकी जानकारी मंगलवार को सामने आई, जिसके बाद जांच पर निगरानी और सख्त हो गई है। यह मामला केरल हाईकोर्ट की निगरानी में चल रहा है।

मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में कड़कमपल्ली सुरेंद्रन ने पूछताछ की पुष्टि करते हुए कहा, “जब यह घटना हुई, उस समय मैं देवस्वोम मंत्री था, इसलिए मैं एसआईटी के सामने पेश हुआ।” इसके बाद उन्होंने आगे कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इस मामले में पूर्व त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) अध्यक्ष पी. प्रशांत से भी पूछताछ की गई है, जिनका कार्यकाल पिछले महीने समाप्त हुआ था।

पूछताछ की जानकारी ऐसे समय सामने आई है, जब एसआईटी ने मंगलवार को केरल हाईकोर्ट से जांच टीम का विस्तार करने की अनुमति मांगी। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक और कानूनी हलकों में जांच की दिशा और रफ्तार को लेकर अटकलों को हवा दे दी है। न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए.ए. और न्यायमूर्ति एम.बी. स्नेहलता की अवकाशकालीन पीठ ने एसआईटी को सर्कल इंस्पेक्टर रैंक के दो अतिरिक्त अधिकारियों को शामिल करने की मौखिक अनुमति दे दी। अदालत ने कहा कि अनुमति एसआईटी प्रमुख की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट पर विचार करने के बाद दी जा रही है।

यह एसआईटी हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद गठित की गई थी, जब विशेष आयुक्त की रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि सबरीमला मंदिर में द्वारपालक (द्वारपाल) मूर्तियों और पीठम पर लगी सोने की परत चढ़ी तांबे की चादरों को बिना अदालत को सूचना दिए हटाया गया, जिसके बाद सोने के गायब होने की आशंका जताई गई।

मामला सबरीमला मंदिर में द्वारपालक मूर्तियों और लिंटल्स से सोने की कथित लूट से जुड़ा है। इससे पहले हाईकोर्ट ने एसआईटी को जांच पूरी करने के लिए छह सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था, क्योंकि अदालत के आदेश पर वैज्ञानिक परीक्षण शुरू हो चुका था।

अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 जनवरी 2026 को निर्धारित है। राजनीतिक रूप से, जांच का केंद्र कड़कमपल्ली सुरेंद्रन ही बने हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि पूर्व मंत्री को बचाने के लिए जांच को धीमा किया जा रहा है। उन्होंने यह आरोप तब भी दोहराए, जब सुरेंद्रन ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया।

वहीं, पूर्व राज्य श्रम मंत्री और वरिष्ठ यूडीएफ नेता शिबू बेबी जॉन ने भी जांच की दिशा पर सवाल उठाए हैं। हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एसआईटी जांच शुरू होने के कुछ हफ्तों बाद ही उसकी गति धीमी पड़ती दिख रही है।

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