शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आज राज्य चुनाव आयोग से अपील की कि वह हिंसा प्रभावित सभी स्थानों पर नामांकन दाखिल करने की अवधि बढ़ाए तथा उन स्थानों पर भी जहां विपक्षी उम्मीदवारों को पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई, इसके अलावा उन सिविल और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जो अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहे या यहां तक कि लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्रियों और विधायकों के साथ मिलीभगत की।
डॉ. दलजीत सिंह चीमा और अर्शदीप सिंह कलेर के नेतृत्व में शिअद के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी के समक्ष विपक्षी उम्मीदवारों के खिलाफ आप नेताओं द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया और आम आदमी पार्टी द्वारा पंचायत चुनावों पर पूर्ण कब्जे की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने जोर देकर कहा, ‘‘तत्काल कदम उठाने की जरूरत है अन्यथा पंजाब में पंचायतों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं होगा।’’
डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि सिविल और पुलिस अधिकारी न केवल अपना काम करने में विफल रहे हैं, बल्कि उन्होंने आप नेताओं के साथ खुलेआम मिलीभगत भी की है। उन्होंने कहा, “हमने एसईसी से अपील की है कि वे रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दें कि वे सभी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए समय सीमा बढ़ाकर समय दें। हमने एसईसी से यह भी अपील की है कि वे पुलिस विभाग को निर्देश दें कि वे सुनिश्चित करें कि सभी उम्मीदवारों को संबंधित बीडीपीओ कार्यालयों तक पहुंचने की अनुमति दी जाए।”
डॉ. चीमा ने उन सभी सिविल और पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित करने का भी आह्वान किया जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास बहाल करने में अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे हैं।
शिअद प्रतिनिधिमंडल ने विपक्षी उम्मीदवारों को आप के गुंडों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न और हिंसा के संबंध में वीडियोग्राफिक साक्ष्य भी राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपे।
इसमें कहा गया है कि मोगा में आप समर्थक गुंडों ने विपक्षी उम्मीदवारों को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाईं और नामांकन पत्र छीनकर फाड़ दिए। इसमें कहा गया है कि मोगा के धर्मकोट और कोट ईसा खान में पुलिस ने विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की, जबकि वे आप के गुंडों के हमले का शिकार थे।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया कि किस तरह आप के प्रति निष्ठा रखने वाले उम्मीदवारों को पिछले दरवाजे से बीडीपीओ कार्यालय में ले जाया गया, जबकि विपक्षी उम्मीदवार घंटों तक कार्यालय के सामने लाइन में खड़े रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
इसमें कहा गया है कि इसी तरह जलालाबाद में विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने के लिए डमी उम्मीदवारों को बीडीपीओ कार्यालय के बाहर लाइन में खड़ा किया गया था।
इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि कैसे ममदोट में विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि तलवंडी भाई में विपक्षी उम्मीदवारों पर पत्थरों से हमला किया गया और यहां तक कि उनके वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
एसईसी को ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि सभी घटनाओं की वीडियोग्राफी आयोग को सौंप दी गई है तथा शिअद ने दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने सहित सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिसमें सिविल और पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने कल की जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की भी मांग की है। इसके अलावा उन्होंने चुनाव आयोग से रिटर्निंग अधिकारियों के कामकाज पर नजर रखने की अपील की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे आप नेताओं के दबाव में विपक्षी उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को खारिज न करें।
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