शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आज उन सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से अपील की है, जिन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका गया है कि वे कल आवश्यक दस्तावेजों और आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं और सरकारी अधिकारियों द्वारा गलत कामों के सबूतों के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचें ताकि पार्टी उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए कानूनी कदम उठा सके।
यहां यह अपील करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पार्टी ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में आवश्यक याचिकाएं दायर करने के लिए एक उच्च स्तरीय कानूनी टीम गठित की है, क्योंकि आप सरकार ने किसी न किसी बहाने विपक्षी सदस्यों को नामांकन दाखिल करने से रोककर लोकतंत्र की आवाज को दबाया है।
डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि पार्टी को राज्य के विभिन्न हिस्सों से सरपंचों और पंचों के पद के लिए विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को बड़े पैमाने पर खारिज करने की शिकायतें मिली हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम अपनी शिकायतों के साथ राज्य चुनाव आयोग के पास जा रहे हैं लेकिन उनका समाधान नहीं किया गया है।
शिकायतों की जांच करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एक कानूनी टीम गठित की गई है।
उन्होंने कहा कि कानूनी टीम का नेतृत्व पार्टी के कानूनी विंग के अध्यक्ष अर्शदीप सिंह कलेर करेंगे, साथ ही पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सक्षम वकील भी होंगे। उन्होंने कहा कि टीम कल सुबह 11 बजे से यहां शिअद मुख्यालय में पीड़ित पक्षों से मुलाकात करेगी।
अकाली नेता ने कहा कि कानूनी तौर पर अपना मामला तैयार करने के बाद, एक शिअद प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले राज्य चुनाव आयोग से मिलेगा और बड़े पैमाने पर हुई हिंसा, नामांकन केंद्रों पर लाइनों में खड़े उम्मीदवारों पर हमले, सत्तारूढ़ आप पार्टी के गुंडों द्वारा विपक्षी उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को फाड़ने, सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों और विधायकों के दबाव में तुच्छ आधारों पर बड़े पैमाने पर नामांकन रद्द करने और सत्ता के घोर दुरुपयोग और सत्तारूढ़ आप द्वारा लोकतंत्र की हत्या की उच्च स्तरीय जांच की मांग करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि जरूरत पड़ी तो पार्टी सभी को न्याय सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय में एक विस्तृत याचिका भी दायर करेगी।’’
इस बीच, डॉ. चीमा ने वरिष्ठ शिअद नेता वरदेव सिंह मान और बॉबी मान के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी निंदा की।
उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता पीड़ित हैं क्योंकि उनके बेटों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए थे लेकिन आप सरकार ने उन्हें न्याय देने के बजाय उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर दिया।