राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों से कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है और समाज को सही राह दिखाई है।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वरधाम में शिवरात्रि के मौके पर गरीब बेटियों का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सभी जोड़ों के लिए उपहार लेकर आईं। उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीन और आटा चक्की दी गई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों से अपनी कर्म और वाणी से जन सामान्य को राह दिखाई है। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है, और जागरूक किया है। चाहे गुरु नानक हों, रविदास हों या संत कबीर दास, मीरा बाई हों या तुकाराम, सबने समाज को सही राह दिखाई है।
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने राष्ट्रपति मुर्मू को हनुमान यंत्र भेंट किया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी राज्य सरकार की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी जोड़ों को 51-51 हजार रुपये दिए जाएंगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने इस आयोजन के शुरू होने की कहानी भी बताई। उन्होंने कहा कि अपनी बहन की शादी के दौरान उन्होंने काफी समस्याओं का सामना किया था। तभी उन्होंने प्रण कर लिया था कि जब सामर्थ्यवान बनेंगे तो निर्धन और गरीब कन्याओं की शादी कराएंगे। उसी के तहत यह समारोह सात साल से आयोजित कर रहे हैं।
समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी शामिल हुए। इसके अलावा बड़ी संख्या में साधु-संत भी उपस्थित रहे।
आयोजन में 251 बालिकाओं का विवाह कराया गया। समारोह में आने वालों के लिए विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।