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संभल बावड़ी : किशोर वंदे मातरम का दावा राजा चन्द्र विजय ने उन्हें बनाया अपना प्रतिनिधि

Sambhal Bawdi: Kishore Vande Mataram claims that Raja Chandra Vijay made him his representative.

संभल, 30 दिसम्बर । उत्तर प्रदेश के संभल स्थित चंदौसी में मिली बावड़ी पर अपने वंशजों का दावा करने वाले राजा चंद्र विजय सिंह ने किशोर वंदे मातरम को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। किशोर वंदे मातरम ने ऐसा दावा किया है।

किशोर वंदे मातरम ने कहा कि राजा चंद्र विजय और रानी बीना कुमारी की यह मिल्कियत है जो राजा प्रीतम कुमार के वंशज हैं। उन्हीं की वंशावली की यह बावड़ी है। उन्होंने कहा, “राजा चन्द्र विजय ने हमें अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। डीएम संभल को हम लेटर देने जा रहे हैं। उनकी संपत्ति पर जो कब्जा है उसे हटवाने का प्रयास करेंगे। हमें बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उनकी जमीनों के बारे में प्रशासन को अवगत कराकर भूमाफियाओं से मुक्त कराने का प्रयास करूंगा।”

उन्होंने कहा कि बावड़ी हमारी पुरातन सभ्यता की निशानी है। इस पर जो भी अतिक्रमण है, उसे हटवाया जाएगा। यह बावड़ी कहां तक जाती है, यह प्रशासन के विवेक और जांच का विषय है।

किशोर ने कहा कि उन लोगों को चिह्नित किया जाना चाहिए जिन्होंने हमारी ऐतिहासिक धरोहर को जमींदोज करने का प्रयास किया है जिन्होंने सनातन संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया है, उन्हें भी चिह्नित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “यह पत्र मैं जिलाधिकारी को सौंपने जा रहा हूं। राजा साहब ने कहा है कि यह बावड़ी पुरातत्व विभाग को सौंपी जानी चाहिए। पुरातत्व विभाग इसका सर्वे करे। जिला प्रशासन इसको जनता के सामने लाए। पुनः इसका सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए। एएसआई की टीम लगातार आ रही है। वे इसका सर्वे कर रहे हैं। हम लोगों का दावा है कि यह 1700 ईस्वी की है और इसे जो राजा आत्माराम जी ने बनवाया था। यह वही समय की निकलेगी।”

ज्ञात हो कि संभल जिले के चंदौसी शहर में पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिली तीन मंजिला बावड़ी को लोग अपने-अपने दावे कर रहे हैं। इस बीच मुरादाबाद की सहसपुर रियासत के वारिस पूर्व सांसद राजा चंद्रविजय सिंह सामने आए हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि चंदौसी में मिली तीन मंजिला बावड़ी उनके पुरखों की मिल्कियत है।

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