November 24, 2024
Punjab

संगरूर: कंप्यूटर शिक्षकों ने पंजाब सरकार का पुतला जलाया, शिक्षा मंत्री के वादों को बताया ‘खाली पटाखे’

पंजाब भर में कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर 1 सितंबर से शुरू की गई भूख हड़ताल और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ रहा है।

8 सितंबर को बड़ी संख्या में कंप्यूटर शिक्षक अन्य सहयोगी संगठनों के सदस्यों के साथ चल रहे आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए संगरूर में एकत्र हुए।

इस दौरान एकत्रित कंप्यूटर अध्यापकों व उनके समर्थकों ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तथा रोष मार्च निकाला। वे स्थानीय ट्रैफिक चौक पर पहुंचे, जहां उन्होंने पंजाब सरकार का पुतला जलाया तथा अपनी मांगों को जोरदार ढंग से उठाया।

कंप्यूटर अध्यापक नेता परमवीर सिंह, जोनी सिंगला, गुरबख्श लाल और लखविंदर सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और पार्टी के अन्य नेताओं ने आश्वासन दिया था कि सरकार बनते ही कंप्यूटर अध्यापकों की सभी जायज मांगों को पूरा किया जाएगा। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने 30 से अधिक बार बैठकें निर्धारित की हैं, फिर भी उनसे कभी मुलाकात नहीं की। वित्त मंत्री हरपाल चीमा लगातार खजाना खाली होने का दावा कर रहे हैं, जबकि शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस पिछले ढाई साल से झूठे आश्वासन दे रहे हैं। 15 सितंबर 2022 को शिक्षा मंत्री ने वादा किया था कि दिवाली तक सभी मांगें पूरी कर दी जाएंगी, लेकिन वह वादा भी ‘‘खाली पटाखा’’ साबित हुआ है।’’

कंप्यूटर अध्यापकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी जायज मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे अपनी भूख हड़ताल को आमरण अनशन में बदल देंगे तथा पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जिसके लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी।

इस सभा में डीटीएफ के प्रांतीय अध्यक्ष दिग्विजय पाल शर्मा, जिला नेता दाता सिंह, कीर्ति किसान यूनियन के राज्य संयोजक (युवा विंग) भूपिंदर सिंह लोंगोवाल, डीटीएफ (डीएमएफ) के जिला अध्यक्ष सुखविंदर गिर, 750 लाइब्रेरियन यूनियन पंजाब के अध्यक्ष राजिंदर सिंह और हेड मास्टर एसोसिएशन पंजाब के अध्यक्ष कुलविंदर कटारिया जैसे वक्ताओं ने कंप्यूटर शिक्षकों की मांगों को जायज करार देते हुए सरकार से इन मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की और चल रहे आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया।

कंप्यूटर अध्यापकों के साथ-साथ कीर्ति किसान यूनियन पंजाब, डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब (दिग्विजय पाल शर्मा), हेड मास्टर एसोसिएशन पंजाब, डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब (डीएमएफ) और 750 लाइब्रेरियन एसोसिएशन पंजाब के नेता भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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