मानसून के मौसम के मद्देनजर संगरूर जिला प्रशासन ने बाढ़ जैसी स्थिति को रोकने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। डिप्टी कमिश्नर संदीप ऋषि ने सभी संबंधित विभागों को बारिश से पहले ही आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए ऋषि ने सक्रिय आपदा प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया तथा अतिरिक्त उपायुक्त (सामान्य) को अविलंब जिला आपदा प्रबंधन योजना का मसौदा तैयार कर उसे क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।
जलभराव और बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए, उपायुक्त ने 30 जून तक की सख्त समय सीमा के साथ घग्गर नदी की तत्काल सफाई और गाद निकालने का आदेश दिया। उन्होंने वर्षा जल के मुक्त प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में साइफन, तालाबों और नालियों की सफाई पर भी जोर दिया।
जवाबदेही पर कड़ा रुख अपनाते हुए ऋषि ने चेतावनी दी कि अगर लापरवाही के कारण शहरों में पानी जमा होता है तो कार्यकारी अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने जल निकासी के कुशल रखरखाव के लिए पंजाब सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुपर सक्शन और जेटिंग मशीनों के इस्तेमाल का निर्देश दिया।
डिप्टी कमिश्नर ने राहत शिविर लगाने, संचार योजना बनाने और संवेदनशील क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) की पहचान करने की तैयारियों के भी निर्देश दिए। सिविल सर्जन को जिला और तहसील स्तर पर प्रतिक्रिया दल गठित करने और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
ऋषि ने कहा कि पिछले साल किए गए तटबंध सुदृढ़ीकरण से जिले की बाढ़ प्रतिरोधक क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने निवासियों को आश्वस्त किया कि प्रशासन पूरे मानसून के दौरान सार्वजनिक जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिला प्रशासन बरसात के मौसम में संगरूर के नागरिकों के जीवन और कल्याण की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार और कृतसंकल्प है|”