नगर निगम, यमुनानगर-जगाधरी (एमसीवाईजे) के नगर आयुक्त आयुष सिन्हा ने सभी सफाई अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यमुनानगर और जगाधरी शहरों में सार्वजनिक शौचालयों का पुनः निरीक्षण करें ताकि खुले में शौच मुक्त प्लस-प्लस (ओडीएफ डबल प्लस) प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने कहा कि सभी शौचालय साफ-सुथरे और चालू हालत में होने चाहिए तथा सभी में पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी शौचालयों के बाहर पर्यवेक्षकों, कर्मचारियों और शौचालय सुविधाओं की सूची प्रदर्शित की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि महिला शौचालयों में विशेष सैनिटरी पैड मशीन और सैनिटरी पैड के निपटान के लिए पीले रंग का डस्टबिन होना चाहिए।
सिन्हा ने यह निर्देश निकट भविष्य में आयोजित किए जाने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण में सर्वश्रेष्ठ रैंक प्राप्त करने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग, इंजीनियरिंग शाखा और एमसीवाईजे की स्वच्छता शाखा के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में दिए। बैठक में सीवरेज/सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), जीएफसी (कचरा मुक्त शहर), ओडीएफ प्लस-प्लस और स्वच्छ सर्वेक्षण से संबंधित अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
नगर आयुक्त ने अधिकारियों को हर विषय में अधिकतम अंक लाने के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को स्वच्छ सर्वेक्षण से संबंधित प्रत्येक विषय पर किए जाने वाले कार्यों एवं गतिविधियों की फाइल तैयार करने के सख्त निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करें तथा स्वच्छ सर्वेक्षण के पोर्टल पर सभी डाटा अपडेट करें। सिन्हा ने कहा कि किसी भी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इसलिए सभी अधिकारी स्वच्छ सर्वेक्षण कार्य को गंभीरता से लें।
उन्होंने अधिकारियों को सीवरेज को ढकने, अवरुद्ध सीवरेज लाइनों की मरम्मत करने तथा शहरी क्षेत्र में सभी एसटीपी की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एसटीपी से निकलने वाले पानी का उचित प्रबंधन होना चाहिए, दैनिक लॉग बुक तैयार की जानी चाहिए तथा एसटीपी से किसानों को दिए जाने वाले पानी का पूरा रिकार्ड होना चाहिए।
नगर निगम आयुक्त ने इंजीनियरिंग शाखा और स्वच्छता शाखा के अधिकारियों के साथ ओडीएफ प्लस-प्लस और कचरा मुक्त शहर (जीएफसी) के विषयों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण में ओडीएफ प्लस-प्लस के 1200 अंक और जीएफसी के 1300 अंक हैं। बैठक में अतिरिक्त नगर निगम आयुक्त डॉ. विजय पाल यादव, कार्यकारी अभियंता विकास धीमान, कार्यकारी अभियंता सौरभ, मुख्य सफाई निरीक्षक (सीएसआई) हरजीत सिंह, सीएसआई सुनील दत्त, सफाई निरीक्षक गोविंद शर्मा और अन्य अधिकारी मौजूद थे।