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हाथरस हादसे को लेकर संजय राउत ने साधा केंद्र पर निशाना, उठाए कई गंभीर सवाल

Sanjay Raut targets Center regarding Hathras accident, raises many serious questions

मुंबई, 4 जुलाई । उत्तर प्रदेश के हाथरस में मची भगदड़ को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने भोले बाबा के सत्संग में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब कार्यक्रम में महज 80 हजार लोगों के ही शामिल होने की मंजूरी प्रशासन की ओर से मिली थी, तो फिर ढाई लाख से भी ज्यादा लोग कैसे शामिल हो गए? इसका जवाब उत्तर प्रदेश सरकार को देना चाहिए।

संजय राउत ने प्रेसवार्ता में कहा, “भगदड़ की वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रशासन की ओर से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए महज 80 हजार लोगों को ही अनुमति मिली थी, लेकिन ढाई लाख से भी ज्यादा लोग कार्यक्रम में शामिल हो गए, अब इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? हम जैसे राजनीतिज्ञ ऐसे बाबाओं के सत्संग में जाकर उन्हें प्रतिष्ठा देते हैं। इसके बाद लोग उन्हें फॉलो करते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि यह आपकी श्रद्धा है। आप इसे अपने मन में रखिए। लोगों को भ्रमित मत कीजिए। जब आप अपनी राजनीतिक शक्तियों का दुरुपयोग कर लोगों को इस तरह से भ्रमित करते हैं, तो ऐसी परिस्थितियां पैदा होती हैं। इस तरह के बहुत लोग हैं जो यह दिखाते हैं कि मैं खुद एक भगवान हूं। मैं खुद एक भोलेबाबा हूं। मेरे पास असीम समार्थ्य है। इस राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी मंदिरों में जाते हैं, बलि चढ़ाते हैं, जिसके बाद लोग उन्हें भारी संख्या में फॉलो करते हैं। अब अगर ऐसी परिस्थिति में अगर भगदड़ मचती है, तो यकीन मानिए इसके लिए हम सभी लोग जिम्मेदार होंगे।“

इसके अलावा, संजय राउत ने मणिपुर हिंसा को लेकर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने इस बात को स्वीकार तो किया कि इस देश में मणिपुर भी है। जिस तरह से आपने मणिपुर को नजरअंदाज किया, उसका खामियाजा आपको लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ा। अब आपको इस बात का एहसास हो चुका है कि मणिपुर एक गंभीर विषय है। लिहाजा इसे हल्के में लेना उचित नहीं रहेगा।“

इसके अलावा संजय राउत ने केंद्र सरकार की फंडिंग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कई राज्यों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन उस पर केंद्र सरकार का ध्यान नहीं है। केंद्र सरकार उनकी फंडिंग करने के बजाए महज अपनी सरकार बचाने के लिए फंडिंग कर रही है। हम सब जानते हैं कि यह सरकार बैसाखियों के सहारे चल रही है, जिसमें नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का नाम प्रमुखता से शामिल है और केंद्र की मोदी सरकार लगातार इन लोगों की फंडिंग कर रही है, ताकि सरकार बची रहे।

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