यूथ अकाली दल के अध्यक्ष सरबजीत सिंह झिंजर ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कड़ी निंदा की। झिंजर ने इसे हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने का एक ज़बरदस्त प्रयास बताया और इसे भारत के लोकतंत्र पर “काला धब्बा” करार दिया।
झिंजर ने कहा, “सिख समुदाय आक्रोशित है।” “हमारे बंदी सिंह, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, जेलों में सड़ रहे हैं, जबकि राम रहीम, जो बलात्कार का दोषी है, हर कुछ महीनों में पैरोल पा जाता है। यह सिखों के साथ अनुचित व्यवहार और भेदभाव है।”
फेसबुक लाइवस्ट्रीम में झिंजर ने पंथक नेताओं बलजीत सिंह दादूवाल, मनजिंदर सिरसा और हरमीत कालका से राम रहीम की बार-बार पैरोल पर उनकी चुप्पी के बारे में सवाल किया।
झिंजर ने कहा, “भाजपा की हरकतें हताशा की बू आती हैं, चुनावी लाभ के लिए राम रहीम के प्रभाव का फायदा उठा रही हैं।” “इस बीच, हमारे बंदी सिंह पीड़ित हैं, अपनी सजा पूरी करने के बावजूद उन्हें पैरोल नहीं दी जा रही है। यह न्याय का मखौल है।”
झिंजर ने पंथक नेताओं की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा, “वे सिखों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं, लेकिन हमारे गुरु साहिबों के सरूप की बेअदबी में शामिल एक दोषी अपराधी राम रहीम को पैरोल मिलने और खुलेआम घूमने पर भी चुप रहते हैं।”
उन्होंने सिखों से इस अनुचित न्याय प्रणाली के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह करते हुए कहा, “हम राम रहीम के पीड़ितों और हमारे बंदी सिंहों के साथ खड़े हैं। आइए हम सब मिलकर अपने समुदाय और अपने बंदी सिंहों के लिए लड़ें।”