July 25, 2025
Entertainment

सरजमीन रिव्यू: वफादारी और विनाश को बेहतरीन अंदाज में पर्दे पर पेश करती है कायोज ईरानी की फिल्म

Sarzameen Review: Kayoze Irani’s film brilliantly portrays loyalty and destruction

स्टार्स: 4, निर्देशक: कायोज ईरानी, कलाकार: काजोल, पृथ्वीराज सुकुमारन, और इब्राहिम अली खान. प्रस्तुतकर्ता: स्टार स्टूडियोज, निर्माता: धर्मा प्रोडक्शंस।

अभिनेता कायोज ईरानी की बतौर निर्देशक पहली फिल्म ‘सरजमीन’ एक साहसिक और बेहद मार्मिक फिल्म है। यह दिखावे पर नहीं, बल्कि भावनाओं पर आधारित है और यही इसकी सफलता का कारण है।

संघर्ष कर रहे कश्मीर के बैकग्राउंड में स्थापित, यह कहानी विचारधाराओं से बिखरे और प्यार से बंधे एक परिवार की कहानी है। मूलत यह एक ऐसे परिवार की कहानी है जिनकी वैचारिक प्रवृत्ति उन सभी चीजों को तार-तार कर देती है जिनके लिए वे कभी खड़े थे। फिल्म की कहानी कर्नल विजय मेनन (पृथ्वीराज सुकुमारन), उनकी पत्नी मेहर (काजोल) और उनके बेटे हरमन (इब्राहिम अली खान) के इर्द-गिर्द घूमती है।

फिल्म में एक डायलॉग है जो इसके सार को समझाती है, “सरजमीन की सलामी से बढ़कर कुछ भी नहीं…चाहे मेरा बेटा ही क्यों न हो।” यह गहरे रूप से प्रभाव छोड़ता है, क्योंकि यह सिर्फ एक राजनीतिक थ्रिलर नहीं है—यह व्यक्तिगत और राष्ट्रीय कर्तव्य के बीच एक युद्ध है जो बताता है कि जब आपका अपना खून ही खतरा बन जाए तो आप क्या चुनते हैं?

काजोल के अभिनय की बात करें तो उन्होंने अपने करियर के सबसे भावनात्मक रूप से सने अभिनय में से एक दिया है। पृथ्वीराज शांत रूप से गंभीरता लाते हैं। लेकिन, यहां असली आश्चर्य इब्राहिम है क्योंकि वह संतुलित रूप से अभिनय करते हैं।

प्यार और वफादारी, क्रोध और पछतावे के बीच का तनाव ही वह जगह है, जहां सरजमीन वास्तव में चमकती है। विजुअली ‘सरजमीन’ बिना किसी अतिशयोक्ति के आश्चर्यजनक रूप से कहानी कहता है। कश्मीर सिर्फ एक सेटिंग नहीं है, यह एक किरदार है। लेखन बहुस्तरीय है और भावनात्मक रूप से गहरे तरीके से व्यक्त हुआ है।

‘सरजमीन’ को जो चीज वास्तव में मजबूत बनाती है, वह है कायोज ईरानी की कहानी की प्रस्तुति को लेकर बरती गई संवेदनशीलता। सरजमीन कोई ऐसी फिल्म नहीं है जिसे आप महज देखते हैं। यह एक ऐसी फिल्म है जिसके साथ आप समय बिताते हैं, जिसके बारे में सोचते हैं, और जिसे महसूस करते हैं।

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