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सायंतनी घोष ने कहा, ‘भारतीय शास्त्रीय नृत्य शुरू से ही मेरा जुनून रहा है’

Sayantani Ghosh said, 'Indian classical dance has been my passion since the beginning'

मुंबई, 20 जुलाई । शो ‘दहेज दासी’ में अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन करने वाली एक्ट्रेस सायंतनी घोष ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य शुरू से ही उनका जुनून रहा है। हालांकि उन्हें कभी भी इसे औपचारिक रूप से सीखने का मौका नहीं मिला।

सायंतनी ने कहा, ”जब मैं छह या सात साल की थी, तब मेरे माता-पिता ने मुझे कुछ महीनों के लिए एक सामान्य नृत्य कक्षा में डाल दिया था। उस समय आप ज्यादा कुछ सीख नहीं पाते हैं, मैं शुरू से ही यह करना चाहती थी।”

एक्ट्रेस ने कहा, “मुझे विशेष रूप से भारतीय शास्त्रीय नृत्य पसंद है, लेकिन अभी तक मुझे इसे सीखने का मौका नहीं मिला है। नृत्य के प्रति मेरा प्यार पहला संकेत था कि मैं एक एक्ट्रेस बनना चाहती थी।”

कोलकाता में पली-बढ़ी सायंतनी के स्कूल में अक्सर नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के नृत्य नाटकों का प्रदर्शन किया जाता था, जिसमें नृत्य के साथ अभिनय और भावनाओं का मिश्रण होता था।

सायंतनी ने बताया, “मैं अपने स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बहुत सक्रिय थी। तभी से मेरा झुकाव रचनात्मक क्षेत्र की ओर हुआ। भले ही मैंने औपचारिक रूप से नृत्य नहीं सीखा है, लेकिन मुझे यह पसंद है। बस म्यूजिक चलाने की जरूरत है, और मैं डांस करने के लिए तैयार रहती हूं।”

उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में इंडस्ट्री ने मेरे हुनर को पहचाना और उसे सम्मान दिया है। जब भी लोग ऐसी अभिनेत्रियों के बारे में बात करते हैं जो अच्छा नृत्य कर सकती हैं, तो मेरा नाम निश्चित रूप से उस सूची में आता है।”

अपने शो में एक डांस सीन पर बात करते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि जब शो में डांस की बात आई तो मैं बेहद उत्साहित थी।

उन्होंने कहा, “हम एक महा एपिसोड कर रहे थे जहां एक तांडव की आवश्यकता थी, वह काली शक्तियों को जीवंत करने के लिए तांडव कर रही थी। सबसे अच्छी बात यह थी कि मुझे इसे कोरियोग्राफ करने का मौका मिला। मेरे निर्माता जानते थे कि मैं एक अच्छी डांसर हूं और उन्होंने मुझे नृत्य को कोरियोग्राफ करने का अवसर दिया।”

एक्ट्रेस ने कहा, ”तांडव में काली शक्तियों को बुलाने के लिए अत्यधिक ऊर्जावान होना जरूरी है, और मैंने इसमें अपनी दिल और आत्मा झोंक दी। इसके बाद जो प्रतिक्रिया सामने आई वह अद्भुत थी।”

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