हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग ने शिमला ज़िले के रोहड़ू उपमंडल के लिम्बडा गाँव में एक 12 वर्षीय दलित लड़के की मौत का संज्ञान लिया है और पुलिस को तीन दिनों के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। आयोग ने आज यहाँ विभिन्न अनुसूचित जाति संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया।
आयोग के अध्यक्ष कुलदीप धीमान ने कहा कि पुलिस को शिकायत दर्ज होने पर ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा, “इस अधिनियम के तहत मामला दर्ज न करने के कारण हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आरोपी को ज़मानत दे दी, जो बेहद गंभीर और चिंताजनक है।”
धीमान ने कहा कि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित परिवार को कानूनी प्रावधानों के अनुसार मुआवज़ा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं और 21वीं सदी में ऐसी घटनाएँ बेहद शर्मनाक हैं।
आयोग ने पुलिस को घटना में शामिल अन्य लोगों की भी गहन जाँच करने और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। धीमान ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मामले का संज्ञान लिया है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग राज्य में ऐसे मामलों की निरंतर निगरानी कर रहा है और कोई भी व्यक्ति सीधे आयोग में शिकायत दर्ज करा सकता है।
आयोग के सदस्य विजय डोगरा और दिग्विजय मल्होत्रा ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। डीआईजी (कानून व्यवस्था) रंजना चौहान ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और रोहड़ू के डीएसपी मामले की जाँच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एफआईआर में एक महिला का नाम भी शामिल है और अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।
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