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तिरुपति प्रसादम मामले में न्याय दिलाने के लिए एससी जो करना चाहे करे: मुख्तार अब्बास नकवी

SC should do whatever it wants to get justice in Tirupati Prasadam case: Mukhtar Abbas Naqvi

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर । प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में मिलावट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र एसआईटी का गठन कर दिया है। अब इस पूरे मामले की जांच आंध्र प्रदेश राज्य सरकार की विशेष जांच टीम (एसआईटी) नहीं करेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।

उन्होंने इस मामले में आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “तिरुपति के प्रसादम को लेकर जो भी अविश्वास का माहौल पैदा हुआ है। इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए उच्चतम न्यायालय को जो भी करना पड़े वह करें।”

बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र एसआईटी का गठन कर दिया है। कोर्ट के मुताबिक ये जन भावनाओं से जुड़ा मामला है इसलिए इसे लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि स्वतंत्र एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के एक अधिकारी शामिल रहेंगे। जांच की निगरानी सीबीआई के डायरेक्टर करेंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाए।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम नहीं चाहते कि यह एक राजनीतिक ड्रामा बने। यह दुनिया भर के करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा मामला है। सौभाग्य या दुर्भाग्य से, इसमें दोनों पक्ष शामिल हैं।”

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में दावा किया था कि पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी के दौर में प्रसादम में मिलावट की गई थी।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड लैब की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तिरुपति मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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