N1Live Punjab पंचायत विभाग में 121 करोड़ का घोटाला, अधिगृहीत जमीन के बदले मिली राशि बिना मंजूरी खर्च डाली
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पंचायत विभाग में 121 करोड़ का घोटाला, अधिगृहीत जमीन के बदले मिली राशि बिना मंजूरी खर्च डाली

Scam of Rs 121 crore in Panchayat Department, the amount received in exchange of acquired land was spent without approval

ब्लॉक लुधियाना- 2 के अधीन आती गांव सलेमपुर, सेखेवाल, सेलकियाणा, बौंकड़ गुज्जरां, कड़ियाना खुर्द और धनानसू की सैकड़ों एकड़ जमीन एक्वायर हुई थी। ऐसे में इन ग्राम पंचायतों को 252.94 करोड़ रुपये की अवार्ड राशि प्राप्त हुई थी लेकिन विभाग के कुछ भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों ने सरपंचों के साथ मिलकर इस राशि में से 120.87 करोड़ रुपये निकलवा लिए।

पंचायत विभाग में 121 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। आरोप है कि लुधियाना ब्लॉक-दो के अधीन आने वाली कई पंचायतों के सरपंचों, अधिकारियों ने मिलीभगत कर अधिग्रहण की हुई जमीन के बदले मिली करोड़ों की राशि बिना मंजूरी मनमर्जी से खर्च डाली। विभागीय जांच में खुलासा होने के बाद शुक्रवार को पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने 4 बीडीपीओ, 6 पंचायत सचिवों और 6 सरपंचों को तुरंत चार्जशीट करने का आदेश दिया।घोटाले की आगे की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी गई है। वहीं, बिना मंजूरी से खर्च की गई राशि भी उक्त अधिकारियों व सरपंचों से वसूली जाएगी। जांच में सहयोग न करने वाले चार निजी बैंकों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इन बैंकों से तुरंत पंचायतों का फंड निकलवाकर निर्धारित बैंक में जमा करवाया जाएगा। बैंक मैनेजरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित डीजीएम को लिखा गया है।ब्लॉक लुधियाना- 2 के अधीन आती गांव सलेमपुर, सेखेवाल, सेलकियाणा, बौंकड़ गुज्जरां, कड़ियाना खुर्द और धनानसू की सैकड़ों एकड़ जमीन एक्वायर हुई थी।ऐसे में इन ग्राम पंचायतों को 252.94 करोड़ रुपये की अवार्ड राशि प्राप्त हुई थी लेकिन विभाग के कुछ भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों ने सरपंचों के साथ मिलकर इस राशि में से 120.87 करोड़ रुपये निकलवा लिए। जब यह मामला मंत्री के ध्यान में आया तो उन्होंने इस मामले की जांच कराने का आदेश दिया था।ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई। जांच में पता चला कि ब्लॉक विकास एवं पंचायत अफसरों, पंचायत सचिवों और सरपंचों ने आपसी मिलीभगत के साथ अपने स्तर पर ही एफडी तोड़कर 120.87 करोड़ रुपये की रकम निकलवाई और बिना प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी से यह राशि अपनी मनमर्जी से खर्च कर दी।

विभाग की ओर से जारी पॉलिसी और हिदायतों अनुसार जब किसी ग्राम पंचायत को उसकी जमीन एक्वायर होने पर अवॉर्ड राशि प्राप्त होती है तो ऐसी रकम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एफडी के रूप में जमा करवाई जानी होती है। बिना सरकार की मंजूरी से ऐसी एफडी को तोड़ने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। केवल इस एफडी से प्राप्त ब्याज को ही तकनीकी अधिकारियों की सलाह से प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी लेने के बाद गांव के विकास कामों पर खर्च किया जा सकता है।
  • गांव धनानसू की 299 एकड़ जमीन एक्वायर होने पर 104.54 करोड़ रुपये अवार्ड राशि के रूप में मिले, जिसमें से 61.23 करोड़ रुपये बिना मंजूरी के खर्च किए गए।
  • गांव सेखेवाल की एक्वायर की गई 81 एकड़ जमीन के बदले मिली 64.82 करोड़ रुपये राशि में से 29.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
  • गांव सलेमपुर की 86 एकड़ जमीन के लिए 5.63 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे, जिसमें से 1.53 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
  • गांव कड़ियाना खुर्द की एक्वायर की गई 416 एकड़ जमीन के लिए मिले 42.56 करोड़ रुपये में से 3.36 करोड़ रुपये खर्च किए।
  • गांव बौंकड़ गुज्जरां की पंचायत ने 27 एकड़ जमीन के बदले मिली 31.63 करोड़ की राशि में से 25.25 करोड़ रुपये खर्चे।
  • गांव सेलकियाणा को मिली 3.76 करोड़ की राशि में से बिना मंजूरी खर्च की राशि संबंधी रिकॉर्ड आना अभी बाकी है।
  • गांव धनानसू की पंचायत में 58 मकान बिना विभागीय पॉलिसी व बिना किसी विभागीय मंजूरी के से बना दिए और रिकॉर्ड पेश नहीं किय
ब्लॉक विकास एवं पंचायत अफसर रुपिंदजीत कौर, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह मांगट और सिमरत कौर, पंचायत सचिव गुरमेल सिंह (अब सेवामुक्त), हरपाल सिंह रंधावा, बग्गा सिंह, जशनदीप चंदेल, हरपाल सिंह सहजोमाजरा और हरजीत सिंह मल्होत्रा और सरपंच धनानसू सौदागर सिंह, सरपंच सलेमपुर नेहा, सरपंच सेखेवाल अमरीक कौर, सरपंच बौंकड़ गुज्जरां मुखत्यार सिंह, अधिकारित पंच बौंकड़ गुज्जरां गुरचरन सिंह, सरपंच सेलकियाणा हरप्रीत कौर और सरपंच कड़ियाना खुर्द रजिंदर कौर को तुरंत चार्जशीट करने का आदेश दिया गया है।
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