कल शाम कांगड़ा ज़िले में धर्मशाला के पास सुधर चुंगी में भारी बारिश के बाद स्कूली छात्राओं का एक समूह उफनते नाले में फंस गया। स्थानीय सरकारी मिडिल स्कूल की ये सभी छात्राएँ घर लौट रही थीं, जब वे धर्मशाला के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के बाद उफान पर आए चुंगी नाले में बीच रास्ते में फंस गईं।
स्थानीय ग्रामीणों के साहसी और समन्वित प्रयासों से ही रस्सियों और सीढ़ियों की मदद से लड़कियों को बचाया जा सका। बचाव अभियान में शामिल विपिन ने कहा, “यह एक चमत्कार है कि लड़कियाँ सुरक्षित हैं। लेकिन हालात और भी बदतर हो गए थे। हम वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं।”
ये लड़कियाँ कजलोट पंचायत के चुंगी नाले के नरघोटा किनारे रहने वाले लगभग 10 परिवारों की हैं, जहाँ सुधेर पंचायत के साथ-साथ इस मानसून में भारी नुकसान हुआ है। हालाँकि ग्रामीण वर्षों से चुंगी नाले पर पुल बनाने की माँग कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
कजलोट पंचायत के प्रधान देव दत्त ने बताया कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के अभाव में इस मुद्दे पर कोई प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि दोनों किनारों की ज़मीन निजी स्वामित्व वाली है। उन्होंने आगे कहा, “पूरे गाँव में छह-सात ऐसी छोटी नदियाँ हैं जिनमें सिर्फ़ बुनियादी ढलान हैं। भारी बारिश के दौरान ये खतरनाक, यहाँ तक कि जानलेवा भी हो जाती हैं।”
पड़ोसी सुधेर पंचायत की प्रधान रेखा देवी ने भारी बारिश की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता पर चिंता जताई, जिससे बड़े पैमाने पर मिट्टी का कटाव और धंसाव हुआ है। उन्होंने कहा, “इस मानसून सीज़न में भारी बारिश अभूतपूर्व रही है और इससे व्यापक नुकसान हुआ है।”
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