N1Live National ‘साइंस इज यूनिवर्सल बट टेक्नोलॉजी मस्ट बी लोकल’, प्रधानमंत्री ने वर्षों पहले डायरी में लिखी थी ये अहम बात
National

‘साइंस इज यूनिवर्सल बट टेक्नोलॉजी मस्ट बी लोकल’, प्रधानमंत्री ने वर्षों पहले डायरी में लिखी थी ये अहम बात

‘Science is universal but technology must be local’, the Prime Minister had written this important thing in his diary years ago.

नई दिल्ली, 23 अगस्त । देश आज अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है। इस मौके पर वैज्ञानिकों ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों को प्रेरणास्पद बताया तो वहीं इसरो अध्यक्ष ने अंतरिक्ष को लेकर पीएम की सोच की तारीफ की। इस बीच पीएम का एक पुराना हस्तलिखित नोट सुर्खियों में है। इसमें पीएम ने विज्ञान और तकनीक को लेकर अपने जज्बात जाहिर किए हैं।

इसे मोदी आर्काइव एक्स हैंडल पर 28 फरवरी 2024 को शेयर किया गया था। जिसमें एक गुजराती अखबार का क्लिप है और उसके साथ एक डायरी पेज। जिस पर लिखा है ‘साइंस इज यूनिवर्सल बट टेक्नोलॉजी मस्ट बी लोकल’। यानि विज्ञान सार्वभौमिक है लेकिन प्रौद्योगिकी स्थानीय होनी चाहिए।

इस पन्ने पर वही लिखा है जो लगभग हर मंच से पीएम कहते रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी कई बार विज्ञान, तकनीक और वोकल फॉर लोकल को लेकर अपनी राय रखते आए हैं। वो देश के युवाओं, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों से देश में नई तकनीक की विकास यात्रा संग जुड़ने की अपील करते रहते हैं।

मोदी आर्काइव पोस्ट भी इसकी तस्दीक करता है। 2009 में लिखी गई और गुजराती अखबार में छपी खबर में तत्कालीन ISRO अध्यक्ष, जी. माधवन नायर की राय थी। उन्होंने विज्ञान के प्रति गुजरात के समर्पण की तारीफ की थी।

उनका मानना था कि उपग्रह डेटा को लेकर जो काम गुजरात ने किया उसकी तो भारत के किसी राज्य ने कल्पना भी नहीं की थी। टेली-एजुकेशन से लेकर फसल उत्पादन का पूर्वानुमान लगाने और खनिजों की मैपिंग से लेकर भूजल की खोज, गैसों की रिमोट सेंसिंग, शहरी आकृति विज्ञान और मत्स्य पालन क्षेत्रों की पहचान तक – गुजरात अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग करके नजीर कायम कर रहा था।

पोस्ट में आगे लिखा है- गुजरात पाइपलाइन और चेक डैम रूट बिछाने के लिए उपग्रह डेटा और 3D इमेजिंग का उपयोग करने वाला पहला राज्य था। तब तक, सीएम मोदी ने पूरे राज्य में 300,000 चेक डैम की मैपिंग करा ली थी।

सालों पहले सीएम नरेंद्र मोदी के ये विचार एक प्रदेश के लिए थे लेकिन अब ये विचार देश का कायाकल्प कर रहे हैं। देश चंद्रयान, सूर्ययान के बाद अब मानव जनित गगनयान की दिशा में आगे बढ़ चला है।

पीएम ने विभिन्न मंचों से विज्ञान की सार्वभौमिकता और तकनीक के स्थानीय होने की बात कही। वह कई कार्यक्रमों में इसकी बारीकियां भी समझा चुके हैं। पीएम तो ये भी कहते हैं कि विज्ञान और तकनीक तब तक अधूरे हैं जब तक आम लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता।

Exit mobile version