नई दिल्ली, 2 फरवरी । नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने शुक्रवार को हवाईअड्डा संचालकों, सीआईएसएफ और आव्रजन ब्यूरो के अधिकारियों के साथ एक सलाहकार समिति समूह की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में हवाईअड्डे के इंटीरियर डिजाइन में संभावित बदलावों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आव्रजन और सुरक्षा जांच प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए नई टेक्नोलॉजी पर चर्चा की गई।
अधिकारियों के मुताबिक, बैठक में सिंगापुर और कनाडा जैसे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों के मॉडल के अध्ययन से प्राप्त समाधानों पर चर्चा हुई।
चर्चाओं के मुख्य आकर्षण में मशीनों की अधिक उपलब्धता सुनिश्चित करने और कम प्रतीक्षा समय सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली हवाईअड्डे पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एक्सबीआईएस मशीनों के क्रॉस-उपयोग की संभावना तलाशना शामिल है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ”आव्रजन के लिए ई-गेट्स और ई-बायोमेट्रिक्स के उपयोग के लिए परीक्षण पहले से ही चल रहा है। ये हवाई यात्रा में दक्षता और सुरक्षा के मानकों को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार हैं।”
अधिकारी ने कहा कि सीआईएसएफ और आव्रजन अधिकारियों की जनशक्ति जरूतों के संबंध में गहन विश्लेषण किया गया है। यह विश्लेषण मौजूदा के नियोजित विस्तार के साथ-साथ देशभर में आने वाले नए हवाईअड्डों को भी ध्यान में रखता है, जिसमें जेवर, नवी मुंबई और अन्य शामिल हैं।
ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट किया, ”अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आव्रजन और सुरक्षा को लेकरडिजाइन मॉडल पर चर्चा करने के लिए सभी प्रमुख हवाईअड्डा संचालकों, सीआईएसएफ, आव्रजन ब्यूरो के अधिकारियों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ एक सार्थक विचार-मंथन बैठक की।
ई-बायोमेट्रिक्स जैसी नई प्रौद्योगिकियां भी विचाराधीन हैं और वर्तमान में उनका परीक्षण किया जा रहा है। ये भारत में अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्रों के लिए हमारे दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण होंगे।”