संपत्ति कर का भुगतान न करने वाले पुराने लोगों पर शिकंजा कसते हुए करनाल नगर निगम ने एक बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत लंबे समय से बकाया कर वाले प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया है। इस आक्रामक अभियान के तहत सात बड़े बकाएदारों की संपत्ति जब्त की गई है। इन पर सामूहिक रूप से करीब 24 लाख रुपये बकाया है। इसके अलावा शहर भर में कई व्यावसायिक इकाइयों को सील कर दिया गया है।
सुबह 10 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई का नेतृत्व नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर अभय सिंह ने किया, जिसमें क्षेत्रीय कराधान अधिकारी अंकुश पराशर, कर अधीक्षक गगनदीप सिंह और अन्य नगर निगम कर्मचारी शामिल थे। संपत्ति कर के रूप में 72 लाख रुपये बकाया रखने वाले 14 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई।
अभियान की शुरुआत अस्पताल चौक पर एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान को सील करने से हुई, जिस पर 3.78 लाख रुपये का बकाया था। जैसे-जैसे टीम एक स्थान से दूसरे स्थान पर गई, कार्रवाई ने तुरंत प्रतिक्रियाएँ पैदा कीं – छह प्रतिष्ठानों के मालिकों ने मौके पर ही अपना बकाया चुका दिया, जिससे एक ही दिन में 48.70 लाख रुपये की वसूली हो गई। 6.38 लाख रुपये का बकाया चुकाने वाले एक बकाएदार ने दो दिन की मोहलत मांगी।
नगर निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने जोर देकर कहा कि सभी डिफॉल्टरों के खिलाफ सीलिंग और कुर्की अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “हम संपत्ति मालिकों से आग्रह करते हैं कि वे शहर के विकास के लिए अपने करों का समय पर भुगतान करें। नियमित अभियान चलाए जाएंगे।” उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 130 के तहत की गई थी, जो नागरिक निकाय को डिफॉल्ट करने वाली संपत्तियों को कुर्क करने और सील करने का अधिकार देती है।
नगर निगम सूत्रों के अनुसार, शहर भर में सरकारी और गैर-सरकारी प्रतिष्ठानों पर संपत्ति कर के रूप में 300 करोड़ रुपये बकाया हैं।