नई दिल्ली, 26 दिसंबर । भारतीय सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे ने जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर का दौरा किया।
गौरतलब है कि 21 दिसंबर को पुंछ सेक्टर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हो गए थे। आतंकवादियों ने इस इलाके में सेना की एक जिप्सी और एक ट्रक को निशाना बनाया था।
सेना ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा, “जनरल मनोज पांडे सीओएएस ने पुंछ सेक्टर का दौरा किया। उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। सीओएएस ने जमीन पर कमांडरों के साथ बातचीत की, उन्हें सबसे पेशेवर तरीके से ऑपरेशन चलाने और सभी चुनौतियों के खिलाफ दृढ़ और स्थिर रहने के लिए प्रोत्साहित किया।”
सेना के मुताबिक आतंकियों की तलाश के लिए पुंछ और राजौरी जिलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। मुठभेड़ स्थल के पास तीन नागरिकों की कथित तौर पर हत्या की वारदात भी सामने आई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सिविल नागरिकों की हत्या की जांच के आदेश दिए हैं।
इसके साथ ही प्रशासन ने मारे गए नागरिकों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है। पीड़ितों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर नौकरी देने का आश्वासन दिया गया है। पुलिस ने नागरिक हत्याओं की एफआईआर भी दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
वहीं, सेना ने ब्रिगेड कमांडर और एक कर्नल रैंक के अधिकारी को इलाके से हटा दिया है। सेना ने कहा है कि वह घटना की जांच में सहयोग करेगी और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ते समय नागरिक जीवन और संपत्ति की सुरक्षा हमेशा उनकी पहली प्राथमिकता रही है।
भारतीय सेना ने अब पाकिस्तान की ओर से किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए जम्मू सेक्टर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा मजबूत कर दी है। चीन और पाकिस्तान के बीच सांठगांठ इस क्षेत्र में सक्रिय है। विशेषज्ञ के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि भारतीय सेना पर लद्दाख सेक्टरों से सैनिकों को हटाने और उन्हें वापस जम्मू कश्मीर में तैनात करने का दबाव बनाया जा सके।