May 31, 2025
Entertainment

सेबी का अरशद वारसी, उनकी पत्नी और 57 अन्य पर एक्शन, 5 साल तक शेयर बाजार में बैन

SEBI takes action against Arshad Warsi, his wife and 57 others, banned from stock market for 5 years

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बॉलीवुड एक्टर अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेटी और 57 अन्य लोगों पर सिक्योरिटीज मार्केट में कारोबार करने पर 1 से 5 साल तक की पाबंदी लगा दी है।

सेबी ने अरशद और उनकी पत्नी मारिया पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

दरअसल, सेबी ने पाया कि यूट्यूब चैनलों पर भ्रामक वीडियो डाले गए थे, जिनमें लोगों को सलाह दी गई थी कि वे साधना ब्रॉडकास्ट नाम की कंपनी के शेयर खरीदें। इससे अरशद ने 41.70 लाख रुपए और पत्नी ने 50.35 लाख रुपए का मुनाफा कमाया।

सेबी की रिपोर्ट के अनुसार, अरशद वारसी ने 27 जून 2023 को सेबी के सामने दिए बयान में कहा था कि वह सिर्फ अपने नाम से ही नहीं, बल्कि अपनी पत्नी और अपने भाई के अकाउंट से भी ट्रेडिंग कर रहे थे। इसके अलावा, उनके कामकाज को संभालने वाली मैनेजर आहुति मिस्त्री भी इसमें शामिल थीं।

सेबी ने अरशद और उनके परिवार के अलावा 57 अन्य लोगों और कंपनियों पर भी कार्रवाई की है। इन पर 5 लाख से लेकर 5 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया गया है। इनमें साधना ब्रॉडकास्ट (अब क्रिस्टल बिजनेस सिस्टम लिमिटेड) के प्रमोटर शामिल हैं। सेबी ने सभी दोषियों को करीब 58.01 करोड़ रुपए के अवैध लाभ को सरकार को लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उन्हें उस रकम पर हर साल 12% ब्याज भी देना होगा।

सेबी ने कहा है कि इस पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड गौरव गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता और मनीष मिश्रा हैं। सुभाष अग्रवाल, जो साधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड के आरटीए के निदेशक भी थे, मनीष मिश्रा और कंपनी के प्रमोटर्स के बीच बिचौलिये का काम करते थे।

सेबी को कुछ लोगों से शिकायतें मिलीं, जिनमें आरोप लगाया गया कि एसबीएल के शेयरों के साथ भाव में गड़बड़ी कर उन्हें बेचा गया है। निवेशकों को लुभाने के लिए यूट्यूब पर झूठे वीडियो डाले जा रहे थे। इन वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए भारी-भरकम मार्केटिंग अभियान चलाया जा रहा था। शिकायतकर्ता ने सेबी को यूट्यूब चैनल और वीडियो के लिंक भी भेजे।

सेबी ने शिकायतों की जांच की और पाया कि जो लोग एसबीएल के शेयर बेच रहे थे, वे उन यूट्यूब चैनलों के मालिकों से जुड़े हुए थे। ये यूट्यूब चैनल उन शेयरों के बारे में झूठी जानकारी और असल से ज्यादा ऊंचा दाम बताते थे। इसका मकसद झूठी जानकारी से शेयर खरीदने के लिए लोगों को प्रभावित करना था।

सेबी ने 15 लोगों के घर, ऑफिस या जिन जगहों पर वे काम करते थे, वहां तलाशी ली और कई तरह के कागजात और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए और सवाल-जवाब किए।

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