भारत और इजरायल के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल इजरायल पहुंचा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां पर इजरायली डिफेंस कंपनियों का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को बढ़ावा देने के लिए को-प्रोडक्शन और को-डेवलपमेंट के लिए अवसरों पर केंद्रित था।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किया, “रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए प्रमुख इजरायली रक्षा कंपनियों एल्बिट सिस्टम्स, राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज का दौरा किया ताकि को- प्रोडक्शन और को-डेवलपमेंट के अवसर की तलाश की जा सके। इसका उद्देश्य मौजूदा साझेदारियों को मजबूत करना और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को आगे बढ़ाना है।”
इस दौरान भारतीय रक्षा सचिव ने इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज से भी मुलाकात की। राजेश कुमार सिंह ने इस दौरान संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक के बारे में जानकारी दी।
मंगलवार को इजरायल के तेलअवीव में दोनों देशों ने जेडब्ल्यूजी की 17वीं बैठक में हिस्सा लिया। इसकी सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव सिंह और इजरायल के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अमीर बारम ने की।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, समझौते से दोनों देशों के बीच संबंध और गहरे होंगे और उन्नत तकनीकों के प्रयोग के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ काम करने के नए अवसर पैदा होंगे।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर भारत कई बड़े कदम उठा रहा है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के तहत भारत ने डिफेंस सेक्टर में नई तकनीकों से लैस हथियार बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल, तेजस फाइटर जेट और पिनाका जैसे कई स्वदेशी हथियारों का निर्माण किया है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के इन स्वदेशी हथियारों की दुनिया भी लोहा मान रही है।

