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सुशासन के लिए सुरक्षा का भाव आवश्यक : सीएम योगी

Sense of security necessary for good governance: CM Yogi

लखनऊ, 26 दिसंबर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन के लिए सुरक्षा का भाव आवश्यक है। यह जनसहभागिता के बिना संभव नहीं हो सकता। सुरक्षा का भाव घर के अंदर से पैदा करना होगा। यदि व्यक्ति घर के अंदर सुरक्षित है तो सामुदायिक रूप से सुरक्षा का भाव स्वत स्फूर्ति भाव के साथ पैदा होता हुआ दिखाई देगा। अपराध-अपराधियों, भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के लिए सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है। अटल जी व पीएम मोदी से प्रेरणा प्राप्त करते हुए सरकार ने सुरक्षा के मुद्दे पर पहले दिन से जीरो टॉलरेंस की जो नीति रखी है, इसके परिणाम सबके सामने हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोह में शिरकत की। रक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री समेत जनप्रतिनिधियों ने लोकभवन में पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी की। सीएम ने महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती व क्रिसमस की बधाई दी। छात्रा स्नेहा तिवारी ने कविता सुनाई। रक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

सीएम ने कहा कि अटल जी ने अपने शासनकाल में सुशासन की नींव को मजबूती दी। अटल जी की पंक्तियां ‘आदमी को चाहिए कि वह जूझे, परिस्थितियों से लड़े, एक स्वप्न टूटे तो दूसरा गढ़े’…, ‘एक पांव धरती पर रखकर ही वामन भगवान ने आकाश-पाताल को जीता था, धरती ही धारण करती है, कोई उस पर भार न बने, मिथ्या-अभिमान से न तने…’ यह पंक्तियां हमें प्रेरणा प्रदान करती हैं।

सीएम ने कहा कि भावी भारत के विकास व विकसित भारत के निर्माण के लिए जो नींव अटल जी ने रखी थी, पीएम मोदी के नेतृत्व में उस पर नए भारत का निर्माण हो रहा है। यह 2047 में विकसित भारत के रूप में 140 करोड़ की आकांक्षाओं की पूर्ति का भारत बनेगा।

सीएम ने कहा कि आज की तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज से ही दिन बड़े होने लगेंगे यानी ऊर्जा के लिए भगवान सूर्य के दर्शन अधिक समय तक होंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से पूरे देश में अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। यह अटल जी का जन्म शताब्दी वर्ष है, इसलिए सुशासन सप्ताह के अवसर पर हर जनपद में बच्चों के लिए सुशासन पर आधारित (काव्य पाठ, निबंध व भाषण) प्रतियोगिताएं हुईं। सीएम ने कहा कि सचिवालय प्रशासन व उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश भर में सुशासन से संबंधित स्मारिका व पत्रिका का प्रकाशन व संकलन करे। राज्य स्तर पर अच्छे आलेख को संकलित करते हुए विभिन्न लाइब्रेरी में उपलब्ध कराया जाए।

सीएम योगी ने बताया कि सुशासन सप्ताह के आयोजन में शासन के विभिन्न विभागों ने भागीदारी की। इस दौरान लोकशिकायतों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर रहा। य़हां 2.59 लाख से अधिक लोकशिकायतों का निस्तारण किया गया। मुख्यालय, मंडल व तहसील स्तर पर भी 16,223 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। 9 लाख छह हजार 800 से अधिक सर्विस डिलीवरी के आवेदन निस्तारित किए गए। इस दौरान ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, मिशन कर्मयोगी, सुशासन में एआई व मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, सूचना के अधिकार का महत्व, नागरिकों को समयबद्ध रूप से सेवाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु जनहित गारंटी की योजना से संबंधित उपयोगिता, शासकीय खरीद-फरोख्त में जेम पोर्टल, मानव संपदा पोर्टल पर आधारित कार्यक्रमों से भी लोगों को अवगत कराया गया।

समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, संगठन महामंत्री धर्मपाल, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, बलदेव सिंह औलख, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, योगेश शुक्ल, सुरेंद्र मैथानी, ओपी श्रीवास्तव, अमरेश कुमार, विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया आदि की मौजूदगी रही।

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