March 17, 2025
Haryana

ईडी को झटका, विशेष अदालत ने 134 करोड़ रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपियों को रिहा किया

Setback for ED, special court releases accused in Rs 134 crore illegal mining case

चूंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं दे सका, इसलिए पंचकूला में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक विशेष अदालत ने 134 करोड़ रुपये के अवैध खनन मामले में एक आरोपी, व्यवसायी मोहित गोयल को रिहा कर दिया है।

ईडी ने गोयल को 8 मार्च को रात 10 बजे न्यायाधीश के समक्ष पेश किया और पांच दिन की हिरासत हासिल की।

13 मार्च को गोयल को फिर से कोर्ट में पेश किया गया और पांच दिन की रिमांड मांगी गई। गोयल के वकील दीपांशु बंसल ने दलील दी कि ईडी 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी के आधार बताने में विफल रही। उन्होंने यह भी बताया कि ईडी ने आरोपियों को जरूरी दस्तावेज मुहैया न कराकर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है और कहा कि एजेंसी उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी का कोई ठोस कारण पेश नहीं कर सकी। दलीलों के बाद कोर्ट ने गोयल को रिहा करने का आदेश दिया।

हरियाणा के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की 25 अगस्त 2022 की एफआईआर के आधार पर ईडी ने 18 अक्टूबर 2022 को मेसर्स तिरुपति रोडवेज के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की। इसके मालिक गुरप्रीत सिंह सभरवाल पर अवैध खनन का आरोप है।

फर्म को 2017 में पंचकूला के रत्तेवाली गांव में खनन स्थल आवंटित किया गया था और 2020 में खनन गतिविधियां शुरू की गईं। फर्म नियमित रूप से अवैध खनन में शामिल थी और कई मौकों पर जुर्माना भी लगाया गया था।

इसका लाइसेंस 8 नवंबर 2024 को रद्द कर दिया गया। ईडी के अनुसार, मई 2020 से 8 नवंबर 2024 तक की जांच अवधि के दौरान, कंपनी ने कथित तौर पर रत्तेवाली खनन स्थल से 134.09 करोड़ रुपये मूल्य के खनिजों का अवैध रूप से उत्खनन किया।

केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि खनन स्थल पर तलाशी के दौरान 1 अगस्त 2022 से 8 जनवरी 2024 तक की नकदी का ब्यौरा वाली दैनिक कैश बुक बरामद की गई। 2.12 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई। कैश बुक की जांच से खनन सामग्री की बिक्री से प्राप्त नकदी, खर्च का ब्यौरा और ‘मोहित जी’ नामक व्यक्ति को सौंपी गई नकदी की राशि का पता चला। एजेंसी ने कहा कि ‘मोहित’ को 45 करोड़ रुपये मिले थे और दावा किया कि वह व्यक्ति मोहित गोयल था।

एसीबी ने सबसे पहले 11 मई 2022 को मेसर्स तिरुपति रोडवेज की साइट पर औचक निरीक्षण किया। टीम ने पाया कि 5 मई से 11 मई 2022 के बीच कुल 1,868 ट्रक सामग्री के परिवहन में शामिल थे, जबकि जीएसटी और रॉयल्टी आदि का उल्लेख करने वाले बिल केवल 518 ट्रकों के लिए जारी किए गए थे। यह भी पाया गया कि ठेकेदार ने कथित तौर पर 47.66 लाख मीट्रिक टन खनिज अवैध रूप से निकाला था।

इसके बाद, तत्कालीन खान एवं भूविज्ञान निदेशक, हरियाणा ने एक समिति गठित की जिसने 23 नवंबर, 2022 को खदान का निरीक्षण किया और अनुबंधित क्षेत्र के भीतर 18,467 मीट्रिक टन और अनुबंधित क्षेत्र से सटे क्षेत्र से 2.75 लाख मीट्रिक टन अवैध खनन का पता लगाया। 15 जून, 2023 को एक अन्य निरीक्षण के दौरान 16.44 लाख मीट्रिक टन का नया अवैध उत्खनन पाया गया।

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