फतेहाबाद पुलिस की आर्थिक शाखा ने करोड़ों रुपये के फसल मुआवजा घोटाले में बुधवार को एक और संदिग्ध को गिरफ्तार किया। बड़ोपल गाँव निवासी आरोपी चंद मोहन को ढाई लाख रुपये की नकदी के साथ पकड़ा गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में छह संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रभारी निरीक्षक संदीप सिंह ने बताया कि यह घोटाला बड़ोपल गाँव में फसल मुआवज़ा वितरण में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। जाँच में पता चला कि गाँव के पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और उनके सहयोगियों सहित राजस्व अधिकारियों के एक समूह ने कथित तौर पर किसानों के फर्जी नाम जोड़े और मुआवज़े की रकम अपने परिचितों के खातों में भेज दी।
फतेहाबाद तहसील कार्यालय और स्थानीय बैंकों से प्राप्त रिकॉर्ड से पुष्टि हुई है कि राज्य सरकार ने 2022 में बड़ोपल में फसल मुआवजे के लिए 4.25 करोड़ रुपये जारी किए थे। इसमें से 3.51 करोड़ रुपये वितरित किए गए और शेष राशि वापस कर दी गई। इस प्रक्रिया में, फर्जी खातों के माध्यम से लाखों रुपये निकाले गए।
मुख्य आरोपी पटवारी राजेंद्र प्रसाद ने अपने साथियों के साथ मिलकर मुआवज़े की राशि निजी खातों में ट्रांसफर करके सरकारी धन का कथित रूप से दुरुपयोग किया। जाँचकर्ताओं को महाबीर, संतरो देवी, चंद्रमोहन, रामनिवास, शेर सिंह, भतेरी, सुमन, जगरूप, सुशील, कमल और राहुल सहित कई व्यक्तियों के खातों में अवैध रूप से धन हस्तांतरित करने के साक्ष्य मिले। 30 मई को फतेहाबाद शहर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि अन्य संदिग्धों का पता लगाने और गबन की गई धनराशि की बरामदगी के लिए जाँच जारी है।


Leave feedback about this