शिमला, 14 जून भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीआईटीयू) से संबद्ध सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) अनुबंध श्रमिक यूनियन के सदस्यों ने गुरुवार को शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) के प्रबंध निदेशक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और 26 अक्टूबर, 2016 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार समान काम के लिए समान वेतन की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान सीआईटीयू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 12 मार्च के फैसले के अनुसार एसटीपी प्लांट और नेटवर्क के श्रमिकों को नियमित किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी मांग की कि चूंकि ये श्रमिक अनेक विषैली और वाष्पशील गैसों के संपर्क में रहते हैं, इसलिए सीवेज कार्य की अत्यधिक खतरनाक प्रकृति के कारण उनके वेतन में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाए।
इसके अलावा उन्होंने मांग की कि सभी एसटीपी कर्मचारियों को फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत किया जाए और उन्हें एक्ट के अनुसार सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि मैनुअल स्कैवेंजर्स एक्ट-2013 के तहत पीपीई किट, ऑक्सीजन मास्क, गम बूट, हेलमेट, दस्ताने, लाइफ जैकेट, सेफ्टी ग्लास, सेफ्टी बेल्ट, पोर्टेबल पंखे, प्राथमिक चिकित्सा किट, साबुन, सैनिटाइजर, स्किन लोशन, मास्क समेत सभी सुरक्षा उपकरण कर्मचारियों को उपलब्ध कराए जाएं।
उन्होंने मैनुअल स्कैवेंजर्स एक्ट-2013 को सख्ती से लागू करने तथा सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च, 2014 के निर्णय के अनुसार उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
कर्मचारियों ने सभी कर्मचारियों को पहचान पत्र जारी करने, पुरुष और महिला कर्मचारियों के लिए चेंजिंग रूम, बाथरूम, लॉन्ड्री और अलग-अलग शौचालय तथा नेटवर्क कर्मचारियों के लिए खाने और बर्तन रखने के लिए कमरे की व्यवस्था करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सभी एसटीपी पर पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने सभी एसटीपी पर पुराने स्टाफ क्वार्टरों के नवीनीकरण और नए स्टाफ क्वार्टरों के निर्माण की मांग की। उन्होंने सभी श्रमिकों के लिए मौसम के अनुसार दो सेट वर्दी, सभी रिक्त पदों को तत्काल भरने, सभी ईपीएफ और ईएसआई त्रुटियों को सुधारने और लंबित भुगतान जमा करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि एसटीपी और नेटवर्क कर्मियों को हर महीने की सात तारीख से पहले वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने एसटीपी और नेटवर्क कर्मियों को बोनस देने और अर्जित, आकस्मिक, चिकित्सा, राष्ट्रीय और त्यौहारी अवकाश देने तथा वरिष्ठता के आधार पर एसटीपी और नेटवर्क कर्मियों के वेतन में 30% वार्षिक वृद्धि करने का भी अनुरोध किया।
प्रदर्शन के बाद यूनियन पदाधिकारियों की प्रबंध निदेशक से बातचीत हुई, जिन्होंने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।