शिमला, 9 जून राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की राज्य कमेटी 12 जून को उपायुक्त कार्यालय परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगी।
‘एनटीए अक्षम’ एनटीए के आने के बाद से महत्वपूर्ण परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की खबरों की श्रृंखला में यह एक और उदाहरण है। नतीजतन, यह एक बार फिर साबित हो गया है कि एनटीए नीट जैसी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने में असमर्थ है। – अनिल ठाकुर, एसएफआई प्रदेश अध्यक्ष
एसएफआई ने यह भी मांग की है कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को समाप्त कर दिया जाए।
एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने यहां जारी एक बयान में कहा कि 4 जून को नीट-यूजी परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद कई छात्रों ने शिकायत की थी और एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे।
ठाकुर ने कहा, “एमबीबीएस-बीडीएस स्नातक स्तर की प्रवेश परीक्षा में कुल अंक 720 होते हैं। प्रत्येक सही उत्तर के लिए चार अंक दिए जाते हैं, जबकि प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक अंक काटा जाता है, जबकि अनुत्तरित प्रश्नों पर विचार किया जाता है। ऐसे में गणितीय रूप से 719 और 718 जैसे अंक प्राप्त करना संभव नहीं है, लेकिन कई परिणामों में ऐसे मामले देखे गए हैं।”
उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें मिली हैं कि एक ही केंद्र से लगातार रोल नंबर वाले छात्रों को 720 में से 720 अंक दिए गए।
उन्होंने कहा, “एनटीए की नीतियों जैसे कि पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण कटौती के कारण अब कई उम्मीदवार निजी कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए मजबूर हैं। जिस तरह से पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत एनएमसी और एनटीए मिलकर मेडिकल शिक्षा का निजीकरण कर रहे हैं, वह देश के भविष्य के लिए खतरनाक है।”