मध्य प्रदेश के शाजापुर जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात एक मजदूर की दर्दनाक मौत के बाद बुधवार सुबह श्रमिकों और मृतक के परिजनों ने मंडी का गेट बंद कर जमकर प्रदर्शन किया।
इस कारण मंडी में खरीद-बिक्री 4 घंटे तक ठप रही और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और प्रदर्शन खत्म कराया।
मंगलवार रात करीब 11 बजे मंडी में काम के दौरान एक ट्रक के रिवर्स लेते समय मजदूर कमल पिता बसंतीलाल (उम्र 35 वर्ष) उसकी चपेट में आ गया। इस हादसे में कमल की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए अन्य मजदूरों और मृतकों के परिजन बुधवार सुबह 6 बजे मंडी पहुंचे और गेट बंद कर धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और मृतक के परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की। मृतक की तीन बेटियां हैं, जिनके भविष्य को लेकर परिजनों ने चिंता जताई।
प्रदर्शनकारी मजदूरों ने मंडी में बेहतर सुविधाओं की मांग की। उन्होंने कहा कि रात 8 बजे के बाद मंडी में काम न कराया जाए, क्योंकि लगातार रात-दिन काम करने से उनके परिवार को समय नहीं मिल पाता। साथ ही, मंडी में पीने का पानी, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया।
प्रदर्शनकारी संजय राठौर ने पत्रकारों से कहा, “मंडी में गर्मी में पानी तक नहीं मिलता। हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम रात 8 बजे के बाद काम नहीं करेंगे।”
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सुबह 6 से 10 बजे तक चले प्रदर्शन के कारण मंडी में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उनकी मांगों को सुना। काफी समझाने और चर्चा के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। प्रशासन ने मृतक के परिवार को मुआवजा और अन्य सहायता देने का आश्वासन दिया।
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