स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल ने कल मंडी ज़िले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। धर्मपुर विधायक चंद्रशेखर के साथ, मंत्री ने हाल ही में हुए भूस्खलन से हुए नुकसान का जायज़ा लिया और राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की प्रगति का आकलन किया।
मंत्री ने राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित परिवारों से बातचीत की और उन्हें राज्य सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने शिविरों में रह रहे स्याथी गाँव के प्रत्येक प्रभावित परिवार को 21,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने घोषणा की कि आपदा में अपने घर खो चुके परिवारों को घर के पुनर्निर्माण के लिए 7 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। साथ ही, छह महीने तक 5,000 रुपये मासिक किराया सहायता भी प्रदान की जाएगी। पशुधन और घरेलू सामान के नुकसान के लिए भी मुआवजा दिया जाएगा।
शांडिल ने संबंधित अधिकारियों को नुकसान का सही आकलन कर समय पर राहत वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि त्रिम्बल स्थित माता नैना देवी राहत शिविर में स्याठी गाँव के 61 लोग शरण लिए हुए हैं। प्रशासन ने 3.26 लाख रुपये की तत्काल राहत राशि वितरित की है और भोजन, पेयजल, चिकित्सा सेवा, कंबल जैसी आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
शांडिल ने चोलथरा और पाडचू में राष्ट्रीय राजमार्ग-3 पर निर्माणाधीन पुलों, स्याठी गांव और सज्याउ पिपलू में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसे प्रमुख स्थानों का निरीक्षण किया।
मंत्री ने आदर्श नागरिक अस्पताल, धर्मपुर में डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता भी की। उन्होंने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। सरकाघाट नागरिक अस्पताल में एक ब्लॉक जन स्वास्थ्य इकाई स्थापित की जाएगी।
सज्याऊ पिपलू स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा दीवारों के निर्माण के लिए 15 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, धर्मपुर अस्पताल में डायलिसिस केंद्र, रक्त भंडारण इकाई, सीटी स्कैन सुविधा, ऑपरेशन थियेटर और शवगृह के विकास के लिए 47 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
इससे पहले, मंत्री महोदय ने सरकाघाट के भरनाल स्थित दीनबंधु सेवा मंडल द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह का दौरा किया। उन्होंने बच्चों से बातचीत की, उनका हालचाल पूछा और उन्हें अनुशासन, ईमानदारी और कड़ी मेहनत अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के बारे में बात की और अनाथ एवं निराश्रित बच्चों को “राज्य के बच्चे” का दर्जा देकर उनकी शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार की पूरी जिम्मेदारी लेने के राज्य सरकार के संकल्प की पुष्टि की।