कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने के कारण बीते पांच कारोबारी सत्रों में देश की प्रमुख क्रूड ऑयल उत्पादक कंपनियों ऑयल इंडिया और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के शेयर 10 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।
कच्चा तेल उत्पादन करने वाली कंपनी ऑयल इंडिया का शेयर बीते पांच कारोबारी सत्र में 10.15 प्रतिशत बढ़ चुका है। देश की अन्य बड़ी क्रूड ऑयल उत्पादक कंपनी ओएनजीसी के शेयर की कीमत बीते पांच कारोबारी सत्रों में 5.06 प्रतिशत बढ़ी है।
शुक्रवार को ओएनजीसी का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1.88 प्रतिशत चढ़कर 256 रुपए पर बंद हुआ। वहीं, ऑयल इंडिया का शेयर एनएसई पर 0.25 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ 479 रुपए पर बंद हुआ।
13 जून को इजरायल की ओर से ईरान पर एयर स्ट्राइक करने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है और यह तब से अब तक करीब 7 प्रतिशत महंगा हो चुका है। 12 जून को ब्रेंट क्रूड का दाम 69.36 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड का दाम 66.64 डॉलर प्रति बैरल था।
बड़ी रैली के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में नरमी देखी जा रही है। शाम को ब्रेंट क्रूड 1.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73.29 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.29 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 70.38 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।
कच्चे तेल में तेजी की वजह इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष का बढ़ना है, जिससे आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
एमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चे तेल का उत्पादन करता है और लगभग 1.5 एमबीपीडी का निर्यात करता है, जिसमें चीन 80 प्रतिशत भागीदारी के साथ मुख्य आयातक है। ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता है।
होर्मुज स्ट्रेट मध्य-पूर्व में एक चोक प्वाइंट है। इस मार्ग से सऊदी अरब और यूएई आदि भी शिपिंग करते हैं और पहले भी ईरान ने इसे बंद करने की चेतावनी दी है।
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