शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने आज जिले भर के आवारा पशुओं को गौशालाओं में स्थानांतरित करने के लिए एक उपमंडल स्तरीय समिति का गठन किया। समिति की अध्यक्षता संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) करेंगे, जबकि वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति में लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ), थाना गृह अधिकारी (एसएचओ), नगर पालिका/पंचायत प्रतिनिधि और गौशालाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
समिति अगले 15 दिनों के भीतर अपने उपखंड के भीतर आवारा पशुओं को निकटतम गौशालाओं में स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार होगी, जिसके बाद समिति को डीसी को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। आज यहां एक विशेष बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य जिले को आवारा पशुओं से मुक्त करना है। इसी के अनुरूप, जिले के सभी आवारा पशुओं को 1 जनवरी से आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया जाएगा।
डीसी ने अपने मवेशियों और पशुधन को लावारिस छोड़ने वाले लोगों से उन्हें वापस ले जाने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि ये आवारा मवेशी भीषण सर्दी के दौरान मौत के खतरे का सामना करते हैं और कई मामलों में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण भी बनते हैं। कश्यप ने कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा किए गए एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, जिले में 272 आवारा पशुओं की पहचान की गई है।
उन्होंने कहा कि जिले में विभिन्न गौशालाओं में लगभग 3,500 आवारा पशुओं को रखने की क्षमता है और वर्तमान में लगभग 2,500 पशु पहले से ही वहां मौजूद हैं।

