शिमला में जिला प्रशासन ने दिवाली के जश्न के दौरान पटाखे फोड़ने के लिए निवासियों को रात 8 बजे से 10 बजे तक दो घंटे का समय आवंटित किया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए ध्वनि और वायु प्रदूषण को सीमित करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मीडिया को दिए गए एक बयान में कश्यप ने निवासियों से केवल ग्रीन पटाखों का उपयोग करके जिम्मेदारी से जश्न मनाने का आग्रह किया, जो कम प्रदूषण पैदा करते हैं। उन्होंने कहा, “दिवाली हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, और प्रशासन ने इसे सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए व्यवस्था की है।” उन्होंने यह भी बताया कि केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों की ही अनुमति होगी, और उनकी बिक्री के लिए निर्दिष्ट क्षेत्र निर्धारित किए जाएंगे।
एसडीएम को निर्देश दिया गया है कि वे हरित प्रमाणीकरण के बिना पटाखे जब्त करें। इसके अलावा, स्वीकृत क्षेत्रों के बाहर पटाखों की अनधिकृत बिक्री पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उत्पादों को जब्त करना भी शामिल है।
कश्यप ने अन्य क्षेत्रों के लिए सकारात्मक उदाहरण स्थापित करने के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आगे सलाह दी कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बच्चों को केवल वयस्कों की देखरेख में ही पटाखे फोड़ने चाहिए।
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि दिवाली की पूरी रात पुलिस अधिकारी अलर्ट पर रहेंगे। पुलिस कर्मी दो घंटे की सीमा का पालन कराने और नशीले पदार्थों के तस्करों और अन्य अपराधियों पर नज़र रखने के लिए सड़कों पर गश्त करेंगे। पटाखे फोड़ने के लिए निर्धारित समय सीमा का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शिमला प्रशासन को उम्मीद है कि इन उपायों से सभी के लिए सुरक्षित और पर्यावरण के प्रति जागरूक दिवाली उत्सव सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी