मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला ने आज भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से भाषण दिया, जिसे समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों ने सुना।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में रडारों का नेटवर्क बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है और इन रडारों द्वारा एकत्र किए गए डेटा को भविष्य में भारतीय मौसम विभाग के डेटा के साथ एकीकृत किया जाएगा। राणा ने कहा, “इससे मौसम पूर्वानुमान में और अधिक सटीकता आएगी।”
संयुक्त निदेशक, कृषि अतुल डोगरा ने कृषि क्षेत्र में मौसम विज्ञान विभाग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग राज्य के किसानों और बागवानों को मौसम संबंधी सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए केंद्र की परियोजना ‘विंड्स’ के तहत अवलोकन नेटवर्क बढ़ाने पर काम कर रहा है।
सीपीआरआई शिमला के प्रधान वैज्ञानिक संजीव शर्मा ने कहा कि सीपीआरआई ने मौसम विभाग से प्राप्त ऐतिहासिक मौसम संबंधी मापदंडों के आंकड़ों का विश्लेषण करके भारत के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के अनुसार आलू की विभिन्न किस्मों का विकास किया है। प्रगतिशील उत्पादक हरीश चौहान ने कृषि, विशेषकर सेब की फसल पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने पर जोर दिया।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। शिमला केंद्र ने बदलती जलवायु में भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सहयोगी दृष्टिकोण का लाभ उठाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।