शिमला, 2 जुलाई मानसून सीजन में भारी बारिश की स्थिति में आपदा जैसी स्थिति को रोकने के लिए शिमला नगर निगम ने सभी संबंधित विभागों को सड़कों से अतिरिक्त मिट्टी और मलबा हटाने तथा सड़क किनारे की नालियों और पुलियों को साफ करने के निर्देश दिए हैं।
निगम ने विभागों को लापरवाही बरतने पर मामला दर्ज करने की भी चेतावनी दी है। इस संबंध में आज यहां नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के क्षेत्रीय अधिकारी, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग मंडल के अधीक्षण अभियंता तथा हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के चतुर्थ वृत्त के अधीक्षण अभियंता को एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया।
आदेशों के अनुसार, संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे इसे अत्यंत आवश्यक समझें तथा अपने अधिकार क्षेत्र में सभी अवरुद्ध नालों, पुलियों और नालों को साफ करने पर विशेष ध्यान दें।
यह कार्रवाई शिमला नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान द्वारा नगर निगम अधिकारियों के साथ 28 जून को मानसून की पहली बारिश के बाद सभी वार्डों का दौरा करने के बाद की गई।
उन्होंने पाया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी नालियां और पुलिया बंद थीं, जिसके परिणामस्वरूप पानी राष्ट्रीय राजमार्ग और नगर निगम सड़क पर बह रहा था।
नगर निगम आयुक्त भूपिंदर अत्री ने कहा कि पानी नगर निगम रोड के नीचे आवासीय क्षेत्रों की ओर बह रहा है, जिससे भारी बारिश की स्थिति में लोगों की जान और संपत्ति को खतरा पैदा हो सकता है।
नगर निगम का मुख्य ध्यान जाम हो चुके नालों और नालियों की सफाई पर है, क्योंकि पिछले साल शहर में जाम हो चुके नालों और नालियों के कारण कई इलाकों में भारी तबाही हुई थी। पिछले साल की प्राकृतिक आपदा की पुनरावृत्ति से बचने के लिए नगर निगम ने मानसून के आगमन से पहले शहर भर में जाम हो चुके सभी नालों और नालियों की सफाई करने का फैसला किया था।
जून में शिमला नगर निगम ने शहर के सभी 34 वार्डों में एक महीने का स्वच्छता अभियान शुरू किया था।