शिमला नगर निगम (एमसी) ने हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दिया है। एमसी ने पर्यटकों को हेरिटेज स्थलों को दिखाने के लिए टूर गाइड की व्यवस्था करने और ई-कार्ट का उपयोग करने की योजना बनाई है।
प्रस्ताव पर प्रकाश डालते हुए शिमला नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान ने कहा कि हम पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहते हैं तथा शहर में स्थित विरासत भवनों और स्थलों के बारे में गहन जानकारी उपलब्ध कराना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “अंग्रेजों के शासन में शिमला देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी, इसलिए यहां कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। शहर में कई इमारतें हैं जो ब्रिटिश काल की याद दिलाती हैं और हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।”
मेयर ने कहा, “इस गाइडेड टूर से पर्यटक शहर की विरासत इमारतों को बेहतर तरीके से देख सकेंगे। इतना ही नहीं, इस पहल से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे क्योंकि योग्य व्यक्ति को टूर गाइड के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।”
ब्रिटिश शासनकाल के दौरान विकसित शिमला में कई विरासत इमारतें हैं, जैसे कि रिज पर क्राइस्ट चर्च, टाउनहॉल, गेयटी थियेटर, भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान (आईआईएएस), जिसे पहले वाइसरीगल लॉज के नाम से जाना जाता था, बैंटनी कैसल आदि।
ये विरासत स्थल पर्यटकों के बीच सबसे अधिक मांग वाले स्थलों में से एक हैं, क्योंकि हर साल लाखों पर्यटक इन विरासत भवनों को देखने के लिए आते हैं।
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