शिमला में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से, नगर निगम एक सप्ताह का व्यापक वृक्षारोपण अभियान चलाने जा रहा है, जिसके तहत चमियाना ग्राम पंचायत में लगभग 10,000 पौधे लगाए जाएँगे। यह वृक्षारोपण अभियान राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत चलाया जा रहा है, जिसमें नगर निकाय, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, छात्र और स्थानीय लोग चमियाना में पौधे लगाएंगे।
अभियान के दौरान 28 जुलाई से 3 अगस्त तक देवदार, ओक और खड़िक के पौधे लगाए जाएंगे।
नगर निगम के महापौर सुरिंदर चौहान ने कहा कि 2023 की आपदा और हाल ही में मंडी में प्राकृतिक आपदाओं से हुई त्रासदी ने उन्हें एक बार फिर याद दिला दिया है कि धरती माँ है और पेड़ उसके सुरक्षा कवच हैं। उन्होंने कहा, “नगर निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में व्यापक वृक्षारोपण अभियान चलाने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, एक पेड़ की जड़ें 10 टन मिट्टी धारण कर सकती हैं, उसका वाष्पोत्सर्जन 30 प्रतिशत वर्षा को अवशोषित कर सकता है और उसकी छाया 60 प्रतिशत तक मिट्टी की नमी को संरक्षित कर सकती है। “हमारे ऋषि-मुनि भी हज़ारों साल पहले से जानते थे कि पेड़ जीवन रेखा हैं। ‘बृहदारण्यक उपनिषद’ में कहा गया है, ‘एको वृक्ष: दशपुत्रसमा:’, अर्थात एक वृक्ष दस पुत्रों के बराबर होता है। पेड़ अपनी जड़ों से मिट्टी को वैसे ही बाँधते हैं जैसे एक शिक्षक अपने शिष्य को ज्ञान से बाँधता है।”