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शिमला: बादल फटने से प्रभावित समेज गांव को 10 दिन बाद मिली बिजली, पानी

Shimla: Samej village affected by cloud burst gets electricity, water after 10 days

शिमला, 12 अगस्त शिमला जिले के समेज गांव में बिजली और पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। बादल फटने के कारण 10 दिन पहले ही बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित हुई थी। बादल फटने के कारण 36 लोग बह गए थे। अब तक 15 शव बरामद किए जा चुके हैं।

रामपुर के उपमंडल मजिस्ट्रेट निशांत तोमर ने बताया कि बादल फटने के कारण कई स्थानों पर पाइप, बिजली के खंभे और केबल बह जाने के कारण समेज में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन और बिजली एवं जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों ने क्षेत्र में सेवाएं बहाल करने के लिए दिन-रात अथक परिश्रम किया।

जिला पुलिस ने डीएनए परीक्षण के जरिए दो शवों की पहचान कर ली है। मृतकों में से एक की पहचान संतोष कुमारी (54) पत्नी सूरत राम के रूप में हुई है, जो रामपुर के कनराध गांव की निवासी थी। संतोष कुमारी का डीएनए उसके बेटे राजेश कुमार से मैच हो गया। दूसरा शव रूप सिंह (52) पुत्र सुखराम का है, जो सरपारा गांव का निवासी है।

उसका डीएनए उसके बेटे साहिल से मेल खाता है। डिप्टी कमिश्नर अनुपम कश्यप ने बताया कि कई शव क्षत-विक्षत अवस्था में पाए गए, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया। लापता लोगों के रिश्तेदारों से डीएनए सैंपल लिए गए हैं और उनका मिलान शवों से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के जरिए दो शवों की पहचान पहले ही हो चुकी है और दोनों ही शिमला जिले के हैं।

उपायुक्त ने कहा, “पुलिस ने अत्यंत कुशल तरीके से डीएनए नमूनाकरण किया, जिससे मृतकों की पहचान संभव हो सकी।”

उन्होंने कहा कि प्राथमिकता तलाशी अभियान के दौरान बरामद प्रत्येक शव की पहचान करना है और इसके लिए वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया गया है।

शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीकों ने जांच को और अधिक प्रभावी बना दिया है।

उन्होंने कहा, “डीएनए परीक्षण के बिना शवों की पहचान नहीं की जा सकती थी। यह प्रक्रिया सावधानीपूर्वक की गई है और इसी तरह से अन्य शवों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।”

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस ने 37 डीएनए नमूने एकत्र किए हैं जिनका इस्तेमाल मृतकों की पहचान के लिए किया जा रहा है।

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