शिमला में निजी बस संचालक सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएँगे, जिससे निवासियों को भारी असुविधा हो सकती है। बस संचालकों ने कहा है कि शहर के भीतर बस सेवाएँ उपलब्ध नहीं कराई जाएँगी और सभी बसें शिमला में आरटीओ के बाहर खड़ी रहेंगी।
हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) के अधिकारियों के साथ हाल ही में 12 अक्टूबर को हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 40 किलोमीटर से अधिक दूरी से शिमला आने वाली बसों को शहर से होकर नहीं गुजरने दिया जाएगा। ऑपरेटरों का आरोप है कि इस निर्णय के बावजूद, इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
दिलचस्प बात यह है कि हिमाचल परिवहन कर्मचारी संघ और अन्य संगठनों ने निजी बस ऑपरेटरों के इस कदम की कड़ी निंदा की है। हड़ताल को अनुचित और निराधार बताते हुए, उन्होंने एचआरटीसी अधिकारियों को निजी बस ऑपरेटरों के दबाव में न आने की चेतावनी दी है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि वे हड़ताल पर जाने से भी नहीं हिचकिचाएँगे।
उन्होंने कहा कि शहर में बसों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग अव्यावहारिक और अनुचित है। एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने कहा, “शिमला से 40-45 किलोमीटर दूर रहने वाले हज़ारों लोग रोज़ाना शहर आते-जाते हैं। इसलिए यह मांग न केवल गरीब लोगों के साथ अन्याय है, बल्कि निजी बस संचालकों को लोगों के शोषण का रास्ता भी दिखाती है।

