नई दिल्ली, 20 अगस्त । पूरे देश में रक्षा बंधन के अवसर पर होने वाली बिक्री का आंकड़ा 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा होने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि बाजार में राखी के त्योहार पर शॉपिंग को लेकर काफी भीड़ देखने को मिली।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय ग्राहक स्थानीय प्रोडक्ट्स को लेकर पहले की अपेक्षा काफी जागरूक हुए हैं और चीनी राखियों की अपेक्षा भारतीय राखियों को तरजीह दी है।
सीएआईटी ने आगे नोट में कहा कि बीते कई वर्षों से भारतीय बाजार में केवल स्थानीय राखियों को ही बेचा जा रहा है। इस साल भी यह ट्रेंड जारी है। बाजार में चीनी राखियों की न तो मांग है और न ही उपलब्धता।
सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव और चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि राखी पर 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस होने का अनुमान है। पिछली राखी पर यह आंकड़ा 10,000 करोड़ रुपये का था। खंडेलवाल ने कहा कि राखी पर 2022 में 7,000 करोड़ रुपए, 2021 में 6,000 करोड़ रुपए, 2020 में 5,000 करोड़ रुपए, 2019 में 3,500 करोड़ रुपए और 2018 में 3,000 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ था।
सीएआईटी के सदस्यों का मानना है कि 19 अगस्त से लेकर 15 नवंबर तुलसी विवाह तक चलने वाले इस फेस्टिव सीजन में 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री हो सकती है।
सीएआईटी ने आगे कहा कि रक्षाबंधन के साथ देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाती है। इसके बाद जन्माष्टमी, दस दिनों का गणेश उत्सव, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा, करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा और अन्य त्योहारों के बाद तुलसी विवाह के साथ त्योहारी सीजन समाप्त हो जाता है। इसका असर पूरे देश के बिजनेस पर पड़ता है। ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए व्यापारी स्टॉक आदि भी करते हैं।
Leave feedback about this