November 23, 2024
National

भारतीय नौसेना में 10,896 अधिकारियों और नविकों की कमी

नई दिल्ली, 9 दिसंबर । भारतीय नौसेना में विभिन्न पदों पर 10 हजार से अधिक नाविक और अधिकारियों के पद रिक्त हैं। लोकसभा के समक्ष रखी गई है जानकारी में बताया गया कि इस वर्ष 31 अक्टूबर तक नौसेना में 9,119 नाविकों के पद खाली थे। यदि नौसेना के अधिकारियों की बात की जाए तो यहां 1,777 अफसरों के पद रिक्त हैं। यानी नौसेना में कुल 10,896 अधिकारियों व नविकों की कमी है।

शुक्रवार को रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी पेश की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में कुल 323 अधिकारियों की भर्ती हुई जबकि 2022 में 386 अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी। नाविकों की संख्या का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 2021 में 5,547 और 2022 में 5,171 नाविकों की भर्ती हुई थी। वहीं भारतीय नौसेना के लिए एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट परियोजना से जुड़े दो जहाज के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। ये जहाज सेंसर से लैस होंगे।

नौसेना के ये जहाज पनडुब्बी रोधी अभियानों व खदान बिछाने में इस्तेमाल किए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक एंटी-सबमरीन श्रेणी के ये नौसेनिक जहाज बीवाई 526, मालपे और बीवाई 527, मुल्की हैं। शुक्रवार को जहाज के निचले तल की ढलाई का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें दक्षिणी नौसेना के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल जसविंदर सिंह और एनएसआरवाई (केओसी) के एडमिरल सुपरिंटेंडेंट रियर एडमिरल सुबीर मुखर्जी शामिल रहे।

नौसेना के यह महत्वपूर्ण जहाज कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की मदद से तैयार किया जा रहे हैं। रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच 30 अप्रैल 2019 को आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। माहे श्रेणी के ये जहाज स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक पानी के नीचे सेंसर से लैस होंगे और इसे तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता के समुद्री संचालन (एलआईएमओ) तथा खदान बिछाने के काम के लिए तैयार किया गया है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि परियोजना के पहले जहाज की डिलीवरी 2024 में करने की योजना है। इन एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों पर उच्च स्वदेशी सामग्री भारतीय मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन सुनिश्चित करेगी, जिससे देश के भीतर रोजगार और क्षमता में वृद्धि होगी।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त सभी प्रमुख और सहायक उपकरणों के साथ ये जहाज “आत्मनिर्भर भारत” पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं। 30 नवंबर 23 को सीएसएल में पहले तीन एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के लॉन्च के बाद यह कार्यक्रम भारतीय शिपयार्ड की ‘मेक इन इंडिया’ क्षमता को दिखाता है।

Leave feedback about this

  • Service