अयोध्या, 31 अक्टूबर । लेखक और साहित्यकार यतींद्र मिश्रा ने गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अयोध्या की वर्तमान स्थिति और दीपावली के महत्व पर अपने विचार साझा किए।
यतींद्र मिश्रा ने कहा कि भगवान श्रीराम का अपने जन्मस्थान पर पुनरागमन एक ऐतिहासिक क्षण है, जो लाखों वर्षों बाद आया है। यह दिन अयोध्यावासियों और सभी भारतीयों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि दीपावली का पर्व हमेशा से श्रीराम के लौटने के कारण मनाया जाता है। राम ने लंका विजय के बाद अयोध्या लौटकर रामराज्य की स्थापना की थी। इसी दिन के उपलक्ष्य में दीपावली मनाई जाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अयोध्या दीपावली महोत्सव का उद्गम स्थल है और अयोध्या का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि के तहत बेहतर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीयता और वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए श्रीराम का पुनरागमन कराया है। उनका यह प्रयास ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे देश की समरसता और एकता को नया आयाम मिला है। मोदी जी के नेतृत्व में अयोध्या का विकास तेजी से हो रहा है, और यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है।
यतींद्र मिश्रा ने श्रीराम के आदर्शों की चर्चा करते हुए कहा कि वह सभी जातियों और वंचितों को अपने साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि यदि श्रीराम केवल अयोध्या के राजकुमार होते, तो वह एक कथा में समाहित हो जाते, लेकिन उन्होंने अपने नायकत्व को गढ़ा और दलितों, वंचितों को सम्मान दिया। उनका वनवास और तपस्वी रूप एक आदर्श प्रस्तुत करता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के 11 दिन के उपवास का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल श्रद्धा का विषय नहीं, बल्कि भारतीयता की अवधारणा का प्रतीक है। उन्होंने याद दिलाया कि अहिल्याबाई होलकर और महाराजा रणजीत सिंह जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों ने भी अपने समय में धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया था। राम मंदिर को लेकर उन्होंने आगे कहा कि यह केवल हिंदुओं की आस्था का स्थान नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंदिर है जो सौहार्द, सद्भावना, अनुशासन और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उनके अनुसार, यह भारतीय संस्कृति का आधार भी है, और पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
उन्होंने आगे कहा कि आज जब पूरा देश दीपावली का उत्सव मना रहा है, तब अयोध्या में श्रीराम का पुनरागमन एक नया इतिहास रच रहा है। यह दिन केवल अयोध्यावासियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमें याद दिलाता है कि हम सभी को एकजुट होकर अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। श्रीराम के आदर्शों को अपनाते हुए हम सब एक बेहतर समाज की ओर बढ़ सकते हैं।